हो न जाए महाविनाश

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संतुलन   है  बिगड़     रहा,
पर्यावरण का  देखो  आज।
विश्व   भर   ही  चिंतित  है,
हो  न  जाए    महाविनाश।
मुख्य  कारक  रहे हैं   तीन,
पर्यावरण  असंतुलन   का।
शहरीकरण, उद्योग भी  हैं,
कारण  सभी  प्रदूषण  का।
हम कहते हैं जिसे विकास,
विश्व   भर   ही  चिंतित  है,
हो  न  जाए    महाविनाश।
जल,वायु व  मृदा प्रदूषण,
जिसको, करना होगा दूर।
जल संरक्षण, मृदा संरक्षण,
करके  आनंद  लो  भरपूर।
वर्ना!   कैसे    लेंगे    साँस,
विश्व   भर   ही  चिंतित  है,
हो  न  जाए    महाविनाश।
विकट रूप धर मन में बैठा,
वैश्विक गर्मी    का है डर,
चिंतन तो  सब ही  करते हैं,
अमल कोई नहीं करते पर।
५  जून ही,  क्यों  है खास,
विश्व   भर   ही  चिंतित  है,
हो  न  जाए    महाविनाश।
नित्य ही  सबको  ध्यान हो,
पर्यावरणीय,     ज्ञान    हो।
वायु,जल स्वच्छ  रखें और,
पौधरोपण    अभियान हो।
मूल  मंत्र    यही   है  खास,
तब चिंता  की   बात  नहीं,
टल   जाएगा  महाविनाश।
                                                                 #बालक  `निर्मोही` 
परिचय:बालक दास ‘निर्मोही’ की जन्म तिथि १ जुलाई १९७१ है। पेशे से रेलवे कर्मचारी हैं और निवास रेलवे आवास एन.ई. कॉलोनी,बिलासपुर (छग)  में है।

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