गौ माता कुछ कह रही

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kumari archana
ना मैं हिन्दू हूँ,
ना मैं मुस्लिम हूँ..
मैं केवल पशु हूँ।
बेजुब़ान हूँ ग़र जुबां होती
तो तुमको बतलाती,
मैं क्या चाहती हूँ।
मैं भी जीव हूँ,
मुझे भी जीने दो
मुझे भी प्रेम करने दो,
मुझे भी अपनी पीढ़ी को
अगली पीढ़ी में ले जाने दो
वरन् मैं भी नीलगाय,पाड़ा,तेंदुआ,
बाघ व गौरेया,उल्लू जैसे हो जाऊँगी।
मैं केवल मादा हूँ,
जैसे स्त्री व अन्य जीव हैं
संतति करना मेरी जीवन प्रक्रिया का अंग है।
ना मैं कोई देवी हूँ,
ना ही माता-पिता हूँ..
मैं केवल पशु हूँ
स्त्री जैसे अपनी संतान को
स्तनपान कराती है,
वैसे मैं भी।
परन्तु बकरी,भेड़,बंदरिया व कंगारु
जैसे जाने कितनी मादाएं हैं,
जो स्तनपान कराती हैं
तो क्या वो माता नहीं हैं!
और जो मादा पशु व पक्षी
स्तनपान नहीं करा पाती,
फिर भी अपनी संतानों की रक्षा
व देखभाल करती  हैं,
तो क्या वो माता नहीं हैं!
धरा पे मनुष्य को खाने योग्य
असंख्यों वस्तु है,
पर मैं क्यों?
दुधारु पशुओं मैं एक हूँ,
प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत हूँ..
फिर भी मेरा संरक्षण क्यों नहीं
करते अज्ञानी मानव।
मुझे धर्म व जाति में ना बाँटो,
जैसे तुमने इंसान को बाँटा है
हिन्दू,मुस्लिम,सिख व ईसाई,
बाह्मण,राजपूत,वैश्य व छुद्र।
इसलिए ना मैं हिन्दू हूँ,
ना मैं मुस्लिम हूँ
मैं केवल पशु हूँ
मुझे पशु ही रहने दो,
इन्सान मत बनाओ।

                                                                               #कुमारी अर्चना

परिचय: कुमारी अर्चना वर्तमान में राजनीतिक शास्त्र में शोधार्थी है। साथ ही लेखन जारी है यानि विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में निरंतर लिखती हैं। आप बिहार के जिला हरिश्चन्द्रपुर(पूर्णियाँ) की निवासी हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।