हिन्दी दिवस पर लघुकथा मन्थन 2024 का आयोजन शनिवार को

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लघुकथा पर गंभीर विमर्श के साथ प्रदेशभर से आए लघुकथाकार करेंगे लघुकथा पाठ

इन्दौर। हिन्दी भाषा और उसकी विधाओं के प्रचार के लिए प्रतिबद्ध मातृभाषा उन्नयन संस्थान व श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के संयुक्त तत्त्वावधान में हिन्दी महोत्सव 2024 के अन्तर्गत शनिवार को समिति सभागार में दोपहर 1 बजे से लघुकथा मन्थन 2024 आयोजित किया जा रहा है।
हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित मन्थन तीन सत्रों में सम्पन्न होगा, जिसमें विमर्श, सम्मान, लघुकथा पाठ एवं लोकार्पण होगा।

आयोजक संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘इन्दौर हिन्दी और लघुकथा का गढ़ रहा है, इसी दृष्टि से लघुकथा का मन्थन इन्दौर में आयोजित किया जा रहा है। आयोजन के उद्घाटन सत्र में ‘हिन्दी के बढ़ते वैश्विक चरण’ विषय पर ख़्यात वीणा के संपादक राकेश शर्मा विमर्श करेंगे। मंथन के प्रथम सत्र में ‘लघुकथा के मानक और गुणवत्ता’ विषय पर भोपाल से कान्ता रॉय के मुख्य आतिथ्य में, डॉ. पद्मा सिंह की अध्यक्षता व भोपाल के वरिष्ठ लघुकथाकार घनश्याम मैथिल के विशिष्ट आतिथ्य में विमर्श होगा।
दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि भोपाल से वरिष्ठ लघुकथाकार गोकुल सोनी व अध्यक्षता डॉ. पुरुषोत्तम दुबे की अध्यक्षता रहेगी व वरिष्ठ लघुकथाकार सीमा व्यास जी का विशिष्ट आतिथ्य रहेगा।
तृतीय सत्र में इन्दौर के लोकप्रिय सांसद शंकर लालवानी के मुख्य आतिथ्य, भोपाल के साहित्यकार मुज़फ़्फ़र इक़बाल सिद्दकी की अध्यक्षता व इन्दौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी का विशिष्ट आतिथ्य रहेगा।
इस सत्र में चयनित लघुकथाकार अपनी लघुकथा का पाठ करेंगे एवं प्रतिभागियों का सम्मान किया जाएगा। सत्रों का संचालन अखिलेश राव करेंगे।’
हिंदी दिवस पर समिति द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी एवं विशेष छूट पर पुस्तक विक्रय भी किया जाएगा, साथ ही, संस्मय प्रकाशन द्वारा प्रकाशित ‘मन्थन’ लघुकथा-संकलन का विमोचन भी किया जाएगा।
लघुकथा जैसी विधा पर एक विमर्श और मन्थन की दरकार रही है, उसी तारतम्य में यह महनीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें 365 न्यूज़, पंचौली रेस्टोरेंट, मातृभाषा डॉट कॉम का सहयोग रहेगा। इसके साथ संस्थान इस विमर्श को स्थापित कर लघुकथा विधा एवं हिन्दी के प्रचार के लिए एक सकारात्मक हल प्रदान करेगा, जो निकट भविष्य में साहित्य व लघुकथा की दृष्टि से कारगार होगा। यह आयोजन खुला एवं निःशुल्क है, बतौर श्रोता सभी आमंत्रित हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।