शिक्षक दिवस पर देश-विदेश के 25 शिक्षकों का मातृभाषा ने किया सम्मान

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इन्दौर। शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों का मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा शिक्षक दिवस पर ‘राष्ट्र निर्माता सम्मान’ से सम्मान किया गया।
इस कार्यक्रम में भारत सहित यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि देश के शिक्षक भी सम्मिलित हुए।

मातृभाषा उन्नयन संस्थान की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भावना शर्मा ने बताया कि ‘सम्मानित शिक्षकों में लन्दन से प्रेम मंगल, ऑस्ट्रेलिया से डॉ. भावना कुँअर सहित भारत में निज़ामाबाद, तेलंगाना से श्रीमन्नारायण चारी विराट, तेलंगाना, आगरा से गणतंत्र जैन ओजस्वी, जोधपुर से डॉ. नीना छिब्बर, दिल्ली से चन्द्रमणि मणिका एवं मानसी शर्मा, दुर्ग छत्तीसगढ़ से सीता गुप्ता, छिंदवाड़ा से डॉ. मनीषा जैन, अलीराजपुर से संध्या रामप्रसाद पाण्डेय, देवास से डॉ. यशोधरा भटनागर एवं ऋचा तिवारी व इन्दौर से डॉ. सुनीता फड़नीस, ममता सक्सेना, अलका भार्गव, अनुपमा समाधिया, सुरेखा सिसौदिया, मणिमाला शर्मा, रश्मिता शर्मा, सरला मेहता, डॉ. सुधा चौहान, शीला चंदन, अनिता शर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, तथा डॉ. नरेंद्र नागर को सम्मानित किया गया।

राष्ट्र निर्माता सम्मान राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने प्रदान किया। उन्होंने कहा कि ‘शिक्षक की गोद में प्रलय और निर्माण दोनों खेलते हैं, वे राष्ट्र का निर्माण करते हैं। इसी भाव के साथ संस्थान ने चयनित शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता की संज्ञा देकर सम्मानित किया।’
संस्थान के संरक्षक राजकुमार कुम्भज सहित कार्यकारिणी ने शुभकामनाएँ प्रेषित कर आभार व्यक्त किया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।