कविता – मंदिर निर्माण

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था एक दृढ़ संकल्प
नहीं था कोई विकल्प,
दुनिया में है अब एक
विशाल पवित्र प्रकल्प।

अपार सद्गुणों के महासागर प्रभु श्रीराम,
परहित जन्में राम, परहित किए सदकाम।
रामराज्य लाने हित जिएँ हम सब आठों याम,
संगठित सज्जन रामकाज किए बिना नहीं करें विश्राम।

भारतीय संस्कृति का है मूल आधार श्रीराम,
ऐतिहासिक धरोहर जन्मभूमि अयोध्या श्रीराम।
सहिष्णुता-सामञ्जस्य की मिसाल श्रीराम,
धर्म परायण एकता का स्वस्थ माध्यम श्रीराम।
राष्ट्र के नवनिर्माण की चेतना का गान श्रीराम,
हर युवा पीढ़ी का आदर्श-संरक्षक मेरे श्रीराम।
सद्धर्म के कारक, अधर्म संहारक मेरे श्रीराम,
नैतिकता से निहारता नवनिर्मित मंदिर भव्य श्रीराम।
रघुकुल नायक जय श्रीराम! जय श्रीराम!

#मणिमाला शर्मा
इंदौर

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कविता - रामलला घर आये हैं

Wed Jan 17 , 2024
आओ, फूल बरसाओ सखी री, रामलला घर आए हैं, मंगल गान गाओ सखी री, रामलला घर आये हैं।। जूही, बेला और चमेली, केवड़ा भी तो लाओ री, इत्र–चंदन लाओ सखी री, रामलला घर आए हैं।। ढोल-मंजीरा ख़ूब बजाओ, और संग मृदंग भी, ज़ोर से शंख बजाओ सखी री, रामलला घर […]

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।