
‘जियो और जीने दो’ का स्वामी ने
विश्व मानव को पाठ पढ़ाया,
आत्म-संयम की दे प्रेरणा
महावीर प्रभु नाम कमाया।।
शासक से बने महा तपस्वी
‘जिन शासन’ शांति का आधार,
प्रारब्ध से आत्म मुक्ति का
संयमित जीवन युक्ति है प्रहार।।
अहिंसा परमोधर्म:, सत्य वचन,
अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्मश्चर्य,
भगवान महावीर ने दिए दुनिया को
पंचशील सैद्धांतिक वर्य सद्कार्य।।
कहने के बजाय कर कठिन से
कठिन दिनचर्या से तपश्चर्या,
चौबीस तीर्थंकरों ने देकर मिसाल
दुर्लभ नर जीवन धन्य किया।।
दोराहे पर खड़ी दुनिया से
है करबद्ध यही सतत् गुहार,
जैन जीवन शैली अपनाकर
दें जगती को स्वस्थ तन-मन उपहार।।
स्वधर्म-राष्ट्रधर्म-विश्वधर्म हित
जिएँ ज़रूर पारमार्थिक जीवन,
मूलभूत पूर्ति उपरांत जो बच जाए
समय औ धन सब कर दें अर्पण।।
#मणिमाला शर्मा, इंदौर
मणिमाला – नवीन शर्मा
इंदौर
मध्यप्रदेश – भारत