काव्य गौरव अलंकरण के लिए देश के पाँच कवि चयनित

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भुवन सिंह धांसू, राकेश दांगी, पल्लवी त्रिपाठी, डॉ अंशुल जैन और श्रीमन्नारायण चारी विराट को मिलेगा 19 को काव्य गौरव अलंकरण

इंदौर। हिन्दी भाषा की वाचिक परम्परा से मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा पाँच कवियों में छिन्दवाड़ा से भुवन सिंह धाँसू, इंदौर से राकेश दांगी, तेलंगाना से श्रीमन्नारायण चारी विराट, भोपाल से डॉ. अंशुल जैन आराध्यम और नोएडा से श्रीमती पल्लवी त्रिपाठी का चयन किया गया है। यह अलंकरण संस्थान के प्रतिष्ठा प्रसंग हिन्दी गौरव अलंकरण समारोह में प्रदान किया जाएगा। इंदौर में यह समारोह रविवार 19 फ़रवरी को आयोजित किया जा रहा है।

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘संस्थान विगत तीन वर्षों से वाचिक परम्परा के पाँच युवा कवियों को काव्य गौरव अलंकरण से सम्मानित करता है, जिसमें वर्ष 2023 के लिए चयन समिति ने देशभर से प्राप्त अनुशंसाओं के आधार पर कवियों का चयन किया है।

संस्थान के मध्यप्रदेश अध्यक्ष व अलंकरण संयोजक कवि अमित जैन मौलिक ने कहा कि ‘कवि सम्मेलन का शताब्दी वर्ष होने से वर्ष 2023 के अलंकरण समारोह में विशिष्टता रहेगी, कवियों का चयन देश के विभिन्न प्रान्तों से होता है, विगत 2 वर्षों में 10 कवि काव्य गौरव अलंकरण से सम्मानित हो चुके है।’

काव्य गौरव से अलंकृत होने वाले कवियों को मातृभाषा उन्नयन संस्थान की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नितेश गुप्ता, भावना शर्मा, सपन जैन काकड़ीवाला, प्रेम मंगल सहित समस्य प्रदेश इकाईयों द्वारा शुभकामनाएँ प्रेषित की गई हैं।

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।