अभिलाषा

0 0
Read Time1 Minute, 41 Second
shubha-300x196
कह लो पीर मेरे मनमीत।
सुन  सहती  सब हृदय की भीत॥
यह  अभिलाषा  है  जीवन   की,
रहे अटूट आजीवन  प्रीत॥
अम्बर से आग बरसती   है,
उबल रहा है मन  मानव  का।
नेह   प्रेम   का  घट  छलका  दो,
कर  दो  शीतल  जीवन  सबका॥
करबद्ध    यही   विनती   विनीत।
कह लो  पीर मेरे   मनमीत।
प्यासी   वसुधा  सोच   मग्न   है,
बनी   याचिका  क्यों   बैठी   हूँ।
आतप   की   इक  ओढ़  ओढ़नी,
क्यों  जल-जलकर  मैं  ऐंठी   हूँ॥
प्रिये! सघनता  क्यों  गई   रीत।
कह लो पीर मेरे मनमीत।
अभिलाषा  है यही   प्रकृति  की,
हो   शुष्क   नहीं   लतिका  कोई।
सुरभित  होकर  कण कण चहके,
चिरकाल रहे विपदा   सोई॥
मोहक मधुर गूँजे    संगीत।
कह लो पीर मेरे मनमीत।
लोभी   कटु  कलुषित  मानव  ही,
घात   करे   छुपकर  अपनों   पर।
घाव    बना   शुचि   प्रेम   मिटाए,
गरल   गिराता   है   स्वप्नों    पर॥
गढ़ता   कैसी   नित  मनुज  जीत।
कह लो पीर मेेरे मनमीत।
लोक-अलौकिक   नर  नारी यह,
सब अलख   ईश   की   माया  है।
कभी   न   भूलो  मद  में  पड़कर,
यह   मिट्टी   की   ही   काया है॥
पल  पल  जाए न  यूँ  ही   बीत।
कह    लो    पीर   मेरे   मनमीत।
पीर    निरन्तर    हँसकर   सहना,
मुस्कान   ‘अधर’   पर   है  गहना।
आहत   जीवन   की  ज्योति  बने,
मेरा जीवन मेरा  कहना॥
हो   सत्य   शाश्वत  यह   नवगीत।
कह   लो    पीर    मेरे    मनमीत।
                                                    #शुभा शुक्ला मिश्रा ‘अधर’

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

पापा का प्यार

Fri Jun 9 , 2017
जिसकी अंगुली थामकर घूमा पूरा संसार, कैसे भूल सकता हूँ मैं पापा का वह प्यार। मेरी हर गलती पर मुझे प्यार से समझाते, मुझे आगे बढ़ाने को हमेशा सही राह दिखाते। मेरी हर जरुरत को वो पूरा कराते, क्या सही है क्या गलत वो मुझे समझाते। ऊपर से है कड़क […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।