चलाकर  दौर-ए-आतिश  बना नादान रहता है। कहाँ   इंसान   खोया   है   कहाँ  इंसान रहता है॥ इबादतगाह  देवालय  न  सज़दों में उसे  खोजो। हमारी रूह के अंदर छुपा भगवान  रहता  है॥ वही  रिश्ता जीएगा  उम्र जिसमें नेक नीयत हो। उजाला भी वहीं से है जहाँ ईमान रहता है॥ मुकम्मल ज़िंदगी के […]

  नामकरण पर ध्यान धर,करते  हिय से जाप। अनुयायी असहिष्णु  बन, करते नहीं प्रलाप। करते  नहीं  प्रलाप, गूढ़जन  यदि अज्ञानी। होता   कैसे   ज्ञात,  यही   हैं  असली दानी। दे  प्रश्रय  पाखंड,पड़े  हैं अधम- चरण पर। छले- वही  बहुरूप,फँसे जो नामकरण पर॥               […]

हे !  ईश  मुझको  तू  बुला ले। अंक    में   अपने   सुला   ले॥ क्यों  तमस का नित गर्त देखा। सच  हुई   कब  हस्त – रेखा? झूठ  कब   तक  है  मुस्कराना? क्यों  भ्रमित  जीवन   बिताना? तोड़कर   भव –  सम्बन्ध  सारे, चाह      तेरे […]

(श्री गोस्वामी तुलसीदास जयन्ती) मोह  रहे  जनमानस  को,   कह  राम-कथा तुलसी सु विरागी। देव-अदेव  सभी  नत  हैं,    महिमा सुनि  प्रीति सदा उर जागी। राघव-प्रीति  कृपा  करुणा,    बिन जीवित हैं हत आह! अभागी। श्री   हरि   रूप   अनूप   धरे,    हरते  हर  पीर  व्रती  बन […]

कह लो पीर मेरे मनमीत। सुन  सहती  सब हृदय की भीत॥ यह  अभिलाषा  है  जीवन   की, रहे अटूट आजीवन  प्रीत॥ अम्बर से आग बरसती   है, उबल रहा है मन  मानव  का। नेह   प्रेम   का  घट  छलका  दो, कर  दो  शीतल  जीवन  सबका॥ करबद्ध    यही   […]

इस  जमाने  की  हकीकत  आशनाई  देख  ली । कर  मुहब्बत  कर वफा   करके भलाई देख ली।। दर्द   देकर   ज़िन्दगी   को   बद्गुमानी   में   रहे। ज़िन्दगी   मैंने   तुम्हारी    बेवफाई    देख   ली।। गलतियाँ कर नासमझ बन और खुद नाराज तुम। घाव […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।