Read Time31 Second

वफ़ा की राह को देखा नहीं है।
मुहब्बत को अभी समझा नहीं है॥
किसी के प्यार की खातिर अभी तक।
मिरा जीवन कुंवारा-सा नहीं है॥
किनारों पर ही रहता है हमेशा।
तूने नजरों पर उतारा नहीं है॥
मिरे सब ख्वाब मां के चरण में है।
तूने मां को अभी पाया नहीं है॥
अभी भी मां मिरी रोज कहती है।
मगर यह ‘राज’ बहू लाया नहीं है॥
#कृष्ण कुमार सैनी ‘राज’
Post Views:
610