करते है रक्षा अपनी और अपने लिए ही मरते हैं। अपनों के सुख-दुख के खातिर वो सीमा पर लड़ते हैं।। जान भले चले जाये लेकिन, आन-बान और शान रहे। मतलब नहीं दुनियादारी से ,जिंदा हिंदुस्तान रहे।। माँ-बेटी और पत्नी-बहन को छोड़ के ये चले आते है। देश की रक्षा के […]

पूज्य पिता जी की बाहों में, जीने का किरदार छिपा हैll ममतामई माँ के *रिश्ते* में, अमर प्रेम संसार छिपा हैll बहिना के राखी धागों में, पूजा पुण्य प्रणाम छिपा हैll नमन वंदना करके देखो, सच में चारों धाम छिपा हैll पिता-पुत्र के *रिश्ते* में, साहस त्याग निदान छिपा हैll […]

न जाने कहाँ खो गया वह प्यारा चांद का टुकड़ा, जिसे मैं दिन और रात अपलक निहारता रहता था! जिसके बिना मुझे नहीं मिलता था सुकून एक पल का। आज मुझे फीका-फीका सा लग रहा है चांद भी। और धीरे-धीरे घट रहा है अमावस की तरह और लगता है कि […]

जी हाँ मित्रों! नेतृत्व करना एक ख़ास कला है ,जो सामान्य व्यक्तित्व के अन्दर नहीं होती। श्रेष्ठतम लीडर वही बन पाता है ,जो लोगों के दिलों पर राज करता है  और जिसकी personality को हर कोई स्वीकारता है। ऐसे व्यक्ति के साथ काम करने वाले लोग अपना सब कुछ उस पर […]

आज गर्व के साथ हम यह कह सकते हैं कि हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का हिस्सा हैं। “लोकतंत्र” यानी शासन व्यवस्था की वह प्रणाली जिसमें हर बार जनता को अपना भाग्यविधाता चुनने का अवसर मिलता है। इसी लिए देश के किसी न किसी हिस्से में हर वर्ष चुनाव […]

होली का त्योहार निराला है है भैया। हर एक रंग की शान निराली है भैया।। 1. लाल रंग खतरे का सूचक, हरा रंग हरियाली का। केसरिया है त्याग शौर्य का, श्वेत रंग खुशहाली का।। आपसी भेदभाव भुलाकर, प्रेम करो तुम सब भैया..।। …… होली का त्योहार 2. होली के दिन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।