आन पड़ा संकट ऊपर,

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आन पड़ा संकट ऊपर,
जब प्राण पके अपने देखे ,
तरूओं ने फिर किया विचार,
अच्छे कल के सपने देखे।
मन भावे ना छांव हमारी,
बैठन से लगे कतराने,
कूलर एसी में बैठे हो,
मुंह हमको तुम लगे चिढ़ाने,
शान के चलते कमरों में अब,
मनीप्लांट ही दिखते हैं,
हमसे मुख मोड़ा है जिसने,
खुद को अच्छा गिनते हैं।
परोपकार की खातिर ही हम,
अपना दुख सह जायेंगे ,
गर्मी सर्दी पतझड़ का दुख,
हम किससे कह पायेंगे?
वट पीपल हैं बुजुर्ग हमारे,
इनका भी कुछ मान रखो,
हम तुम्हारे-तुम हमारे,
इतना बस तुम ध्यान रखो,
जाने कब तक ऐसा हम,
इकतरफा प्यार करेंगे अब,
गले काटकर वृक्षों के,
अपना व्यापार करेंगे सब।
हे मानव !अब रखो कुल्हाड़ी,
और ना हम पर धार धरो,
जिस थाली में खाते हो,
उस थाली में मत छेद करो।
एक निवेदन दुनिया से है,
हरी -भरी अब धरा रहे,
प्राणवायु पाकर हमसे,
प्राणी खुशियों से भरा रहे।
सोचो और विचारो तुम,
अब बेहतर कल की आस करो,
खूब-खूब हो पौधारोपण,
ऐसा भरसक प्रयास करो,
ठीक समय पर समझो संकट,
कल अपना सरल बनाओ तुम,
जन गण के मन में भी ऐसी,
सुंदर अलख जगाओ तुम,
धरती होगी हरी भरी और,
तन-मन हरियाली होगी,
सुंदर बाग बगीचे होंगे,
जन-जन खुशहाली होगी,
अब विचार का वक्त नहीं,
मत इतना तुम ये पाप कर
अतुल कुमार शर्मा
संभल उत्तर प्रदेश

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।