देखो माँ उसको भुला दिया

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जिसके बिन जी न पाता था
जिसके बिन मर न पाता था
जिसे लांख दूर करना चाहूँ
पर दूर भी न कर पाता था
ख्वाब जो पनपा करते थे
हाँ, तेरे लाल के नैनन में
उन सभी ख्वाब को भी मैंने
हरदम के लिए है सुला दिया
देखो माँ, देखो माँ, देखो माँ उसको भुला दिया।।
गमगीन मुझको देखकर जब
तुम फफककर रोती हो
सारे कलंकित दाग मेरे
जिंदगी के धोती हो
हाँ मानता हूँ मैं की माते
प्यार में कोई ठग गया है
किन्तु तेरा लाडला हाँ
और भी अब जग गया है
नर्म सा नाजुक सा तेरा
चाँद सा बेटा वही हूँ
कुछ तो रहता था मैं बदला
किन्तु अब बिल्कुल सही हूँ
जो भी मैं नाम रटा करता था
सुबह-शाम जपा करता था
उस नाम को मैंने रुला दिया
देखो माँ, देखो माँ, देखो माँ उसको भुला दिया।।
मिला था उससे जहाँ कहीं
याद नहीं उस ठाँव का
वैसे भी मैं क्या करता
बिन कस्ती के उस नाव का
आज की जब शब्द भी
मेरी लेखनी पर फिदा हैं
कविताओं और गीत गजलों
से नाम उसका जुदा है
अब ना मैं उसको याद करूँगा
तुझसे मेरा ये वादा है
तेरे चेहरे की खुशी की खातिर
ऐसा अब मेरा इरादा है
दिल के कोने में जो सजा हुआ था
थोड़ा-थोड़ा जो बचा हुआ था
उस प्यार को मैंने घुला दिया
देखो माँ, देखो माँ, देखो माँ उसको भुला दिया।।

डॉ विकास चौरसिया
वाराणसी

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।