लक्ष्य संस्था का ईद मुशायरे का आयोजन

0 0
Read Time5 Minute, 2 Second

बिहार|

लक्ष्य संस्था द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग ऑनलाइन ईद मिलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया।
मुशायरे कीअध्यक्षता प्रसिद्ध गजलकऻर डॉक्टर् मनसूर हसन खा मनसूर ने की, मुख्य अतिथि गजलकार श्री संजय मल्होत्रा, हमनवा विशिष्ट गजलकार श्री आहत लखनवी थे।
थे। मुशायरे का सफल संचालन गोबर गणेश ने किया
वाणी वंदना प्रसिद्ध गीतकार सुश्री निशा सिंह नवल द्वारा की गई।

प्रथम पुष्प के रूप में लखनऊ की युवा शायरा ने यह सुंदर गजल सुनाकर लोगों की वाहवाही लूटी

हौंसला हार के जाने वो किधर जाती है।
एक उम्मिद सरे राह बिखर जाती है।

हमने देखा है कि तिनके की तमन्ना ले कर,
एक चिडियाँ जो भटकते हुए मर जाती है।

सुल्तानपुर के शायर निजाम सुल्तानपुरी ने एकता पर यह गजल सुनाकर के दिलों को जीत लिया

एकता की साख‌ फला काटोगे कब तक, निजाम।
इनके रिश्ते हैं मधुर, बहुत पुराना साथ है।।

इसके पश्चात लखीमपुर की
शायरा असमा सबा ख़्वाज कौमी एकता पर यह गजल सुनाकर लोगों को दिलों को जीत लिया

हमको पैग़ाम देता है अपना वतन
सबको आपस में रहना सिखा दीजिये ।

अब न मन्दिर न मस्जिद गिराए कोई
इक मिसाल ऐसी मिलकर बना दीजिए।

दिल्ली के शायर अरविंद असर ने यह सुंदर दोहा सुना कर लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया

सबकी गर्दन पर टंगी, एक नई शमशीर।
गुप्त कैमरे हर कहीं, खींच रहे तस्वीर।

वाड़ी बंदना कर चुकी गीतकार सुश्री निशा सिंह नवल ने आज के हालात पर यह गीत सुनाया

वक्त यह जैसा कहेगा अब तुम्हें ढलना पड़ेगा
आँधियों में ओ मुसाफिर अनवरत चलना पड़ेगा
लाख बाधायें भले ही
अब तुम्हें आकर डरायें
हों भले अवरोध कितने
पग न लेकिन डगमगायें
स्वांस में विश्वास लेकर यह समर लड़ना पड़ेगा
आंधियों में ओ मुसाफिर अनवरत चलना पड़ेगा

मुशायरे का सफल संचालन कर रहे हास्य कवि गोबर गणेश ने लॉकडाउन में पतियों की व्यथा पर यह कविता सुनाई

मैडम जी आराम फरमा रही हैं
हुकुम चला रही है
पति से कपड़े धुलवा रही हैं
बच्चों को नहलवा रही है
खुद मेकअप करने में व्यस्त नजर आ रही हैं
दर्पण देखे जा रही है, जैसे लग रहा है,ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग लेने जा रही हैं
पति को नौकर समझ रही है
घर का काम करना कितना मुश्किल होता है बता रही है
लॉकडाउन में हम महिलाओं की भगवान ने सुन ली अपने पतियों को समझा रहीं है।

कानपुर के शायर अतुल दिलबर ने यह सुंदर गजल सुनाई

फज़ा भी है नशीली सी हवाएं भी मुअत्तर हैं,
इसी जानिब मोहब्बत का फ़रिश्ता आने वाला है।

मुशायरे के मुख्य अतिथि
गजलकार श्री आहत लखनवी ने ईद पर यह सुंदर गजल सुनाकर लोगों को दिलों को जीत लिया

चाँद दिख जाये ज़माने की ईद हो जाये
फूल खिल जायें वीराने की ईद हो जाये
मुस्कुराकर जो नज़र कर दो हमारी जानिब
हाय रब्बा तो दीवाने की ईद हो जाये

मुख्य अतिथि शायर श्री संजय मल्होत्रा, हमनवा ने धर्म के ठेकेदारों पर कटाक्ष करते हुए यह गजल सुनाकर लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया

अपने अपने मजहब के तो ठेकेदार हजारों हैं, जिसको हर मजहब हो प्यारा ऐसा कोई नहीं मिलता।

मुशायरे की अध्यक्षता कर रहे गजलकार डॉक्टर मनसूर हसन खा, मनसूर ने ईद पर यह सुंदर गजल सुनाकर लोगों के दिलों को जीत लिया

वह कभी राह में मिलता है न घर आता है
ईद का चांद है मुश्किल से नज़र आता है
दिल से दिल कोई मिलाए तो कोई बात बने
गले मिलने का तो हमको भी हुनर आता है।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन कवियों एवं शायरों के प्रति संस्था ही प्रचार मंत्री सुश्री निशा सिंह, नवल द्वारा किया गया।

matruadmin

Next Post

हज़ारों दर्दो-ग़म के दरम्यां हम थे

Mon May 24 , 2021
हज़ारों दर्दो-ग़म के दरम्यां हम थे जहाँ में अब कहाँ हैं कल कहाँ हम थे। अभी हालात से मज़बूर हैं लेकिन तुम्हारी जिंदगी की दास्ताँ हम थे। तुम्हारी बदज़ुबानी चुभ रही लेकिन तुम्हारे होठ पर सीरी जुबां हम थे। ये तख़्तों ताज दुनियाँ में भला कब तक मुहब्बत ज़ीस्त है […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।