दंश

0 0
Read Time1 Minute, 39 Second

कैंसर की ये बीमारी ,
जान लेती है हमारी।
डसे नागिन सी ये हमको,
इसका हर दंश है भारी।

आए छुपते छुपाते ये,
ना कोई शोर है करती।
भनक लगे जब हमको,
अंतिम वार ये करती।

तन का खून है चूसे,
लूटे दौलत हमारी ये।
बुझाती दीप जीवन का,
करती कंगाल हमको ये।

हम सबका जीना ये,
सदा दुश्वार है करती।
सुख चैन हम सबका,
सदा हमसे है हरती।

यदि कैंसर से बचना है,
तो धूम्रपान मत करना।
गुटका और शराब का,
कभी सेवन मत करना।

रिफाइंड खाद्य पदार्थों का,
का सेवन कम करना।
पराबैंगनी किरणों से,
सदा बचके तुम रहना।

एक्सरे, रेडिएशन से,
सदा दूर तुम रहना,
डिब्बा बन्द भोजन से,
सदा दूर तुम रहना।

ब्रोकली ,ग्रीन टी पीना,
टमाटर ,अदरक भी खाना।
ब्लू बेरी और लहसुन को,
तुम भूल मत जाना।

योग,व्यायाम से अपना,
तन मन स्वस्थ तुम रखना।
दिनचर्या हो सरल अपनी,
दुर्व्यसनों से भी है बचना।

कैंसर फैले ना छूने से,
ये सबको बताना है।
पीड़ित को प्यार से,
हमें गले लगाना है।

उम्मीद और हिम्मत से,
कैंसर को मात है देना।
डरना नहीं डराना है,
कैंसर को भगाना है।

जन जन को बताएं हम,
जागरूकता फैलाएं हम।
कैंसर की बीमारी को,
आओ जड़ से मिटाएं हम।

स्वरचित
सपना (स. अ.)
जनपद-औरैया

matruadmin

Next Post

सत्य

Thu Feb 4 , 2021
जो सत्य की राह पर चलता है उसुलो की चासनी मे पकता है झूठ से कभी नही डरता है वही राजा हरिश्चंद्र बनता है जो परमात्मा को मानता है परमात्म राह अपनाता है परमात्म मत पर चलता है वही परमात्म सुख पाता है आओ हरिश्चंद्र हम बन जाये जनता के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।