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परमात्म साधना की
निर्धारित उम्र नही होती
किसी अच्छे काम के लिए
महूर्त की जरूरत नही होती
बचपन मे भी हो सकता है
किसी को ईश्वरीय बोध
इसके लिए बड़े होने की
आवश्यकता नही होती
यह इंतजार नाकाफी है
कि समय बहुत पड़ा है
जीवन तो क्षणभंगुर है
पल की ख़बर नही होती।
#श्रीगोपाल नारसन
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