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धैर्य कभी भी खोना नही
बीज संयम के बोना वहीं
मुहं मे रहे मिठास सदा
मधुर वाणी गंवाना नही
दुश्मन मित्र बन जाएं हमारे
ऐसे प्रयास कभी खोना नही
प्रेमभाव की बहे मधुर धारा
वैमनस्य मिटे छंटे अंधियारा
विकारो से मिल जाएं मुक्ति
सदगुणों की बहे जीवनधारा
आत्म स्वरूप मे रहकर सदा
परमात्म चिंतन कीजिए सदा।
#श्रीगोपाल नारसन
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