वृद्धाश्रम

2 0
Read Time1 Minute, 9 Second

अब इस संसार में,
संस्कार बहुत कम दिखता है,
धोखे के बाजार में,
मां बाप का प्यार बिकता है।।
छोड़ देते है वृद्धाश्रम में उन्ही के बच्चे
जिन्हे मां बाप अपने खून से सिंचता है।।
पाल पोषकर बड़ा किया,
उन्हे उनके पैरो में खड़ा किया।
मंदबुद्धि औलाद की ये तो नीचता है।
जो भूल जाते मां के उपकार को,
उन्ही से उनके बच्चे ऐसे अधर्म सीखता है।।
संस्कार की धरती मे ,
भगवान को मंदिर से निकालना,
सबसे बड़ा अभिशाप है!
द्वार पे ताके देखके भगवन,
सुख के लोभी हंस रहा, दुख मे मां और बाप है।
संस्कार की दुनियां में
आज हो रहा ये पाप है।
भूल रहे धर्म को,
ढोंगी तेरा जाप है,
रो रहे गर मां बाप तो
तेरी झुठी पूजा पाठ है।।
भोजराज” गोपी” वर्मा
ग्राम – टूरीपार( घुमका)
जिला – राजनांदगांव
छतीसगढ़

matruadmin

Next Post

सत्य

Tue Dec 15 , 2020
सत्य कभी न छोड़िये परीक्षा कड़ी चाहे होए सत्य मे है बड़ी शक्ति जीत इसी की होए सत्य है परमात्मा नाम कल्याण इसी में होए जो परमात्म पथ पर चले कल्याण उसी का होए सत्य एक वही पालनहार ज्योतिबिन्दु रूप है उनका शिव परमात्मा वही तो है सर्वगुण स्वरूप है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।