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सफलता की नई सीढ़ी ,
हमें चढ़ने नहीं देते।
मुकामों को नए वो अब,
हमें जड़ने नहीं देते॥
सदा ही दूर ही रहना,
यहां इंसान कुछ ऐसे…
हमें अपने यहां आगे,
कभी बढ़ने नहीं देते॥
सफलता की नई सीढ़ी,
चढ़ेंगे हम यहाँ यारों।
कभी थप्पड़ उन्हीं मुँह पर,
जड़ेंगे हम यहाँ यारों॥
भले इंसान गंदे वो ,
करेंगे सामना उनका…
कलम अपनी चला करके,
लड़ेंगे हम यहाँ यारों॥
#विवेक चौहान
परिचय : विवेक चौहान का जन्म १९९४ में बाजपुर का है। आपकी शिक्षा डिप्लोमा इन मैकेनिकल है और प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में नेपाल में ही कार्यरत हैं। बतौर सम्मान आपको साहित्य श्री,साहित्य गौरव,बालकृष्ण शर्मा बालेन्दु सम्मान सहित अन्य सम्मान भी मिले हैं। आपके सांझा काव्य संग्रह-साहित्य दर्पण,मन की बात,उत्कर्ष की ओर एवं उत्कर्ष काव्य संग्रह आदि हैं। आप मूल रुप से उत्तराखंड के शहर रूद्रपुर(जिला ऊधमसिंह नगर) में आ बसे हैं।
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Mon Jun 19 , 2017
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