कोरो ना के दिन मैंने कैसे काटे

0 0
Read Time1 Minute, 25 Second

मत पूछो,कोरोना मे दिन कैसे मैंने काटे,
हाथो मे पड थे छाले,पैरों में चुभे थे कांटे।
दर दर ठोकरें हर जगह मुझे खानी पड़ी थी,
ये मेरे लिए मुश्किल की बहुत बड़ी घड़ी थी।

घर में बन्द था,नहीं जा सकता था मै बाहर,
बच्चे भी मना कर रहे थे,जाओ नहीं बाहर।
घर में बैठ कर लिखता था मै कुछ कविता,
तड़फ रहा था मै सुने तो मेरी कोई कविता।

कर रहा था मै घर से ही दफ्तर का काम,
मिल रहा न था मुझे तनिक भी विश्राम।
बना लिया था घर को मैंने अपना था कार्यलय,
मंदिर भी बन्द थे इसलिए घर बना था देवालय।

मुंह पर मास्क लगाना,रकखी दो गज की दूरी,
समझो इसे डर मेरा,या समझो मेरी मजबूरी।
घुटता था दम मेरा काम करने में होती परेशानी,
जान है तो जहान है इसे समझो न मेरी नादानी।

कुछ फरमाइशें लेकर मतलब से कोई मिलने आया,
जिनकी की थी मैंने सहायता कोई काम न मेरे आया।
ले रहे थे सब अपने अपने मतलब के खर्राटे,
पूछो मत कोरोना मे दिन मैंने किस तरह काटे।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

Next Post

सर्दियों में रामबाण औषधि "अदरक"

Fri Dec 11 , 2020
भारतीय बाजारों में आम जनमानस को आसानी से उपलब्ध होने वाली अदरक एक भूमिगत रूपान्तरित तना है। इसका वैज्ञानिक नाम जिंजिबर ऑफ़िसिनेल है जो जिंजीबरेसी कुल का पौधा है। अदरक सामान्यतः भूमि के अंदर बढ़ती रहती है और अपने अंदर खाद्य पदार्थों एवं औषधीय गुणों का संचय करती रहती है। […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।