
ऐ कैसा फैसला है तुम्हारा,
ऐ कैसा राह तुमने चुना हैं !
क्या तुम्हें पता नहीं ?
हम सब एक ही मालिक के झुनझुने हैं।
यहाँ वही अपने हैं,जिसने आपको अपना माना है!
यहाँ तलाशो मत तमीश रिश्तों में यारों,
हम सब तो इस दुनिया में पानी के बुलबुले हैं।
आज मिली है यह हसीन जिंदगी,
जी लो इसे सबके साथ हमदगी से,
बहुत कांटे आपको चुभेंगे ऐ दोस्त यहाँ,
याद रखना अगर नफरत का रास्ते तुम चुनोगे।
यहाँ जीने के दिन है चार केवल,
मगर हमारे मरने के मौके हजार हैं!
मगर हमारे मरने के मौके हजार हैं !!
यहाँ सबसे खुशियों से मिल रह लो,
क्या पता काल कौन सा नया आशियाना होगा तेरा?
आज परिंदे प्यार के उड़ने दे ‘अभय ‘
हटा जो जाल नफरत के तूने अपने मन में बुने हैं !
हटा जो जाल नफरत के तूने अपने मन में बुने हैं!
आकाश सिंह ‘अभय’
कार्बीआंगलोंग(असम)
परिचय-
आकाश सिंह ‘अभय’
कार्बीआँगलोंग,असम
कार्य- प्रिंसिपल, रोंगटर्मी सरकारी स्कूल, असम,
योग्यता- M.com(Accotancy), M.A(hindi), B.Ed. D.el.ed(Double), PGIBO, PG in yoga & Naturopathy. PGDCA . etc.