किसे अपना समझे

0 0
Read Time1 Minute, 3 Second

मिले जब गैरो से प्यार,
और अपने समझे बेकार।
तो ऐसी स्थिति में हम,
किसे अपना समझे ?
जब अपने ही अपनो को,
लौटे जा रहे हो ।
और फिर भी एहसान
वो जताये जा रहे हो।
तो ऐसो को अपना कहना,
बड़ी भूल ही होगी।।

परायें तो परायें है,
फिर भी इंसानियत दिखाते है।
पर अपने सदा अपनो को,
बड़े ही प्यार से डसते है।
और फिर भी अपनापन,
कहकर जताते है।
और इंसानियत का फर्ज तो
गैर ही निभाते है।।

कैसे समझे परिभाषा,
अपने और परायों कि।
समझ में कुछ आता नही,
की कैसे करे मूल्यांकन हम इनका।
लोगों की करनी और कहनी में,
बहुत ही अंतर होता है।
क्योंकि चेहरा देखकर ही
मूल्यांकन आजकल होता है।
और जमाने की सच्चाई को,
हमेशा ही छुपाया जो जाता है।।
अपने परायो को क्या
कोई आजकल समझ पाया है।।

संजय जैन (मुम्बई)

matruadmin

Next Post

विधायक जीतेन्द्र वर्मा के कर कमलों से स्मारिका युवा धड़कन का हुआ विमोचन

Wed Oct 7 , 2020
आगरा | श्रीमती के. डी. कान्वेंट स्कूल, ग्राम बमरौली के प्रांगण में एक सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया | जिसमें वीर एकलव्य सेवा समिति की स्मारिका युवा धड़कन का विमोचन भाजपा विधायक श्री जीतेन्द्र वर्मा के कर कमलों से किया गया | स्मारिका के प्रधान सम्पादक हैं मुकेश कुमार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।