Read Time33 Second

22 22 22 22
सूरत कैसी सीरत कैसी
दिल में है ये फ़ितरत कैसी
वो देता पेड़ो में फल भी
सोया क्यूँ है ग़फ़लत कैसी
कब जाने रुख़्सत हो जाये
दुनिया से ये उल्फ़त कैसी
महका दामन खुशियाँ आयी
मेरे आने से आफ़त कैसी
मेरे दिल में आओ अब तुम
दोस्ती में ये कीमत कैसी
आँखों का ही कैदी है तू
दिल में आने की ज़ुर्रत कैसी
–आक़िब जावेद
Post Views:
459