आईएसओ प्रामाणिक देश का पहला हिन्दी सेवी संस्थान बना मातृभाषा

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इंदौर।

हिन्दी प्रचार-प्रसार में अग्रणीय मातृभाषा उन्नयन संस्थान को अन्तरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरने के लिए ऑप्टिमम सर्टिफ़िकेशन दिल्ली द्वारा आईएसओ 9001:2015 प्रमाण-पत्र दिया गया।
ऑप्टिमम सर्टिफ़िकेशन के नितिन शाह ने मातृभाषा उन्नयन संस्थान के केंद्रीय कार्यालय पहुँच कर तीन बार ऑडिट सर्वे किया। संस्थान द्वारा संस्मय प्रकाशन के माध्यम से पुस्तक प्रकाशन, हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार संबंधित कार्यों, विश्व कीर्तिमान संबंधित दस्तावेज़, उनकी जानकारी, लोगों द्वारा भरे प्रतिज्ञा-पत्र, हस्ताक्षर बदलो अभियान आदि में जानकारियों की प्रविष्टि, साहित्य वितरण, साहित्यकारों की रचनाओं के मातृभाषा.कॉम पर प्रकाशन, विविध सामाजिक कार्य एवं हिन्दी भाषा प्रचार आंदोलन संचालन, जनजागृति कार्यक्रम संचालित करना तथा हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए आंदोलन चलाना आदि संबंधित कार्यों का सुव्यवस्थित दस्तावेज़ीकरण संबंधित सभी अन्तरराष्ट्रीय मानकों में खरे उतरने के बाद मातृभाषा उन्नयन संस्थान को यह प्रमाण-पत्र मिला है, जिसके कारण संस्थान आईएसओ 9001:2015 प्राप्त करने वाला देश का पहला हिन्दी सेवी संस्थान बन सका है।संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि आईएसओ 9001ः2015 सर्टिफ़िकेट के लिए आवेदन करने से पहले पूरी तैयारी की गई थी। जिसमें कार्यालय पर सभी आवश्यक दस्तावेज़ आदि उपलब्ध थे, और 11 लाख से अधिक लोगों के जनसमर्थन पत्र एवं हस्ताक्षर बदलो अभियान में प्राप्त प्रतिज्ञा-पत्र भी रखे थे जिन्हें सर्वे दल द्वारा विधिवत जाँच कर सत्यापन किया गया था, एवं आंदोलन संबंधित कार्यों के लिए समय सीमा का निर्धारण किया गया था। डॉ. जैन ने बताया कि इसके लिए संस्थान के अधिकारियों द्वारा फ़रवरी 2020 से ऑडिट की तैयारी शुरू की गई थी। फ़रवरी में पहली बार, मार्च में दूसरी बार तथा जुलाई में तीसरी बार का ऑडिट हुआ। अंतिम सर्टिफ़िकेशन ऑडिट 2 से 4 जुलाई को हुआ। इसके बाद मातृभाषा उन्नयन संस्थान को अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता प्रणाली आईएसओ 9001ः2015 प्रमाणित संस्थान घोषित किया गया है।
उक्त प्रमाण-पत्र संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अर्पण जैन ‘अविचल’, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मुकेश मोलवा, नितेश गुप्ता व जलज व्यास सहित लव जोशी, कृष्णा शर्मा ने ग्रहण किया।संस्थान की इस उपलब्धि पर भावना शर्मा, गणतंत्र ओजस्वी, कवि अंशुल व्यास, विजय लक्ष्मी भट्ट शर्मा, निकिता शर्मा, कमला सिंह ‘ज़ीनत’, गिरीश चावला, कुसुमलता ‘कुसुम’,  रश्मिलता मिश्रा सहित राष्ट्रीय कार्यकारिणी आदि ने बधाइयाँ प्रेषित कीं।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।