केवल

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क्या अभी भी सोचते हो मैं लिखूँ शृंगार केवल
वक़्त है क्या ये अभी भी जो लिखूँ मैं प्यार केवल
आज के हालात मुझको कर रहे मजबूर इतना
छोड़ कर करुणा दया बस मैं लिखूँ अंगार केवल

हर जगह क्यों लग रही हैं जिस्‍म की अब बोलियाँ यूँ
लुट रहीं हैं आज भी क्यों दुलहिनों की डोलियाँ यूँ
अब बचा सकता नहीं जब बागबां भी फूल को तो
फायदा क्या फूल का अब तुम उगाओ खार केवल

अब भला किससे करें हम न्याय की भी आस बोलो
न्याय के ही देवता जब तोड़ दें विश्वास बोलो
नाचते हैं जीतने पर ज़ुर्म, धोखा, झूठ ही अब
और हिस्से में मिली है सत्य को तो हार केवल

इक तरफ तो थाल भर भर के सजे पकवान देखो
दूर रोटी से खड़े उस ओर के इंसान देखो
दो निवाले ही मयस्सर हो गए तो भी बहुत है
सेठ साहूकार के ही हैं यहाँ त्योहार केवल

ऋषभ जैन ‘प्रखर’, इंदौर

परिचय

नाम : ऋषभ जैन
साहित्यिक नाम : ऋषभ जैन ‘प्रखर’
पिता का नाम: श्री जीवन लाल जैन
माता का नाम : पुष्पा जैन
पता : इंदौर (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : बी सी ए
व्यवसाय : सॉफ्टवेयर डेवलपर
सहित्यिक: राष्ट्रीय सचिव कुंभ कलश साहित्य सेवा संस्थान (रजि.) प्रयागराज उ .प्र.
काव्य विधा: दोहा, मुक्तक, ग़ज़ल,गीत
काव्य संग्रह : साझा संकलन इक्कीसवीं सदी के चुनिंदा दोहे

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।