
नदियों के पावन जल को स्वच्छ हम बनाएँ,
कारखानों से घातक निकला रसायन नहीं बहाएँ।
नहीं मूर्तियों, प्रतिमाओं का करें विसर्जन,
सड़े गले फूलों का ज़हर नहीं मिलाएँ।।
फूलों का खाद बना धरा की उर्वरता विकसाएँ,
कृत्रिम रँग है नुकसान देह बात समझ जाएँ।
नदियों के तट पर करे वृक्षारोपण,
प्रकृति को हरीतिमा की चादर ओढ़ाएँ।।
अंशु प्रिया अग्रवाल
परिचय
नाम- अंशु प्रिया अग्रवाल
स्थान- मस्कट ओमान
जन्म स्थान- रांची, झारखंड
शिक्षा – एमबीए फाइनेंस, रसायन शास्त्र से स्नातक की डिग्री
सम्मान- राष्ट्रीय कृत बैंक द्वारा आयोजित विभिन्न साहित्यिक प्रतियोगिताओं में सम्मानित, रिज़र्व बैंक की पत्रिका बैंकिंग चिंतन अनुचिंतन में बहुत सारे लेख प्रकाशित, विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित।
भारतीय दूतावास के द्वारा वैदिक गणित के लिए सम्मानित और बहुत सारे गतिविधियों में बहुत सारी प्रतियोगिताओं में सम्मानित।