वियोग

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इस अस्त व्यस्त से,
भरे माहौल में।
पत्नी बच्चे आशा,
लागाये बैठी है।
की कब आओगें,
अपने घर अब तुम।
अब तो आंखे भी,
थक गई है।
तुम्हारे आने का,
इंतजार करते करते।।

महीनों बीत गए है,
तुम्हे देखे बिना।
बच्चे भी हिड़ रहे है,
तुमसे मिले बिना।
की कब आएंगे पापा,
हम सब से मिलने।
तभी मम्मी का मुरझाया,
चेहरा खिल जाएगा।।

पिया का वियोग,
क्या होता है।
यह पतिव्रता नारी,
समझ सकती है।
अपनी तन्हाईयो का,
जिक्र किससे कहे।
जब पति ही दूर हो तो,
अपनी व्यथा किससे कहे।।

इस अस्त व्यस्त भरे माहौल से,
कैसे मिले हमे छुटकारा।
कोई तो बताये जिससे,
मिल सके अपने परिवार से।
सबके शिकवे शिकायते,
हम दूर सके इस माहौल में।
और हिल मिलकर अब,
जी सके उनके साथ हम।।

जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।