एक सत्य ये भी है

0 0
Read Time1 Minute, 11 Second

जन्म मरण का अब,
समीकरण बदल गया।
इंसान इंसान से दूर,
अब होता जा रहा है।
जीने की राह देखकर,
मरने की बात करने लगे।
फर्ज इंसानियत का भूलकर,
समिति अपनो तक हो गए।।

न दुआ काम आ रही है,
न प्रार्थनाएं रंग ला रही है।
पाप भरी पड़ रहे है,
पुण्यों के अनुपात में।
इसलिए सारी व्यवस्थाएं,
कर्ताधर्ता ही मिटा रहे है।
और फिर भी अपने आपको,
खुद ही मसीहा कह रहे है।।

सारी हेकड़ी एक ही,
झटके में निकल दी।
आसमान में उड़ने वाले,
अब जमी पर आ गिरे।
जो कल तक बात नही,
पूछते थे अपने से छोटा से।
आज वो ही लोग इन,
अहंकारियों के काम आ गए।।

बड़े तो बड़ो से ही,
भाग रहे है।
अपनी दोस्ती भी बस,
फोनों पर ही निभा रहे है।
सही मयानो में वो,
औपचारिकता निभा रहे है।
पर मध्यमवर्गी लोग आज भी,
अपनों का साथ निभा रहे है।।

जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)

matruadmin

Next Post

एक दर्द भरी दास्ता

Sat Jun 13 , 2020
दिल के जख्म कैसे दिखाए आपको। उनमें कितना दर्द है कैसे बताए आपको।। दिल पर जो बीत चुकी है बीत जाने दो। उसे दुबारा से कैसे सुनाए आपको।। तुमने सताया है पहले ही ज्यादा। फिर हम क्यो सताए आपको।। जो जख्म दिए बेवफ़ाई के तुमने उनको हर बार कैसे दिखाए […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।