राष्ट्रीय आंचलिक संस्था मे महाकविसम्मेलन संपन्न

2 0
Read Time5 Minute, 49 Second

राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान,हरियाणा,भारत के ऑनलाइन राष्ट्रीय महाकवि सम्मेलन दिनांक 19/05/2020 को शाम 6 बजे से आयोजन किया गया! संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष नवलपाल प्रभाकर’दिनकर’ जी के द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया! संस्था के सचिव रुपेश कुमार जी के द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार किया गया एव अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कवयित्रि निक्की शर्मा ‘रश्मि’,मुंबई, प्रोफेसर डॉक्टर विजय लक्ष्मी’अनु’, आगरा एव ऋचा मिश्रा’रोली’ जी, बलीरामपुर,उत्तरप्रदेश के द्वारा मंच संचालन भव्य तरीके से किया गया ! माँ वीणापाणी की पुजा अर्चना माननीय कवयित्री कीर्ति जायसवाल एव पदमा साहू जी के द्वारा किया गया तथा वंदना विजय पंडा, आशीष पाढक”अटल” जी के द्वारा किया गया! मंच सहयोग कवयित्री प्रिया सिंह , प्रेरणा कर्ण, एव अनामिका रोहिल्ला जी के सन्निध्य हुआ! कार्यक्रम मे पूरे भारत के 71 कवियों के द्वारा महा कविसम्मेलन का भव्य आयोजन मे भाग लिया जिसमे शृंगार, ओज, कोरोना, लॉक डाउन इत्यादी विभिन्न तरह के रचनाओं से सबका दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती दी गई ! जिसमे बोधन राम निषादराज”विनायक”(छ.ग.), प्रतिभा प्रसाद कुमकुम जमशेदपुर झारखंड,प्रज्ञा जैमिनी दिल्ली,अपर्णा शर्मा शिव संगीनी गुजरात ,हेमंती शिव कुमार शर्मा ,ऋचा मिश्रा रोली,बलिरामपूर ,नीरजा विष्णु ‘नीरू’,कुमार जितेन्द्र “जीत” बाड़मेर, राजस्थान ,तालिब मंसूरी ,डॉक्टर विजय लक्ष्मी ‘अनु’, आगरा,श्रीमती ममतावैरागी,तिरला धार,हरिओम माहोरे, छिदवाड़ा,म .प्र. ,प्रीति चौधरी”मनोरमा”,  बुलंदशहर(उतरप्रदेश),आशीष पाठक”अटल”,(बिहार),कवि सूरज तिवारी रुद्र,अयोध्या,डॉक्टर सुनीता मिश्रा, बिलासपुर, छ.ग.,यशवंत”यश”सूर्यवंशी, भिलाई, दुर्ग,छ.ग.,वासुदेव साव “वृन्द”,महासमुंद(छ.ग.),डोमन निषाद ‘डेविल’ बेमतरा, छतीसगढ ,डॉक्टर चन्द्र दत शर्मा, रोहतक,डॉक्टर महताब अहमद आजाद, उत्तरप्रदेश,देवेश मिश्र “निर्मल” बलरामपुर,उत्तर प्रदेश,सरोज सिंह राजपूत ठाकुर बिलासपुर छतीगढ,मिथिलेश जायसवाल बहराइच ,डॉ निर्मला शर्मादौसा राजस्थान,अर्चना कोचर,श्री मती भारती बैरागी, पड़दां, मनासा,नीमच,मध्य प्रदेश,संतोष अग्रवाल सागर, मध्य प्रदेश,दीपक कुमार पंकज मुजफ्फरपुर बिहार,ज्योति भाष्कर “ज्योतिर्गमय” सहरसा(बिहार),श्रीमती मधु तिवारी, कपसदा, दुर्ग, छत्तीसगढ़।,कन्हैया लाल श्रीवास ‘आस’ भाटापारा छ.ग.,रशीद ग़ौरी , सोजत ,सुधा शर्मा राजिम छत्तीसगढ़,तेरस कैवर्त्य ‘आंसू’ सोनाडुला बलौदाबाजार छ ग,भूपसिंह भारती, हरियाणा,पुष्पेन्द्र शुक्ला “पुष्पराज” जशपुर छत्तीसगढ़,शाहाना परवीनपटियाला पंजाब,अनु श्री दरभंगा बिहार,रानी इन्दु अमरोहा उत्तर प्रदेश,प्रेरणा कर्ण, दरभंगा, बिहार,कुंती नवल,मुंबई,नवलपाल प्रभाकर दिनकर हरियाणा ,गरिमा लखनऊ,दयान्नद त्रिपाठी व्याकुल, उत्तरप्रदेश,पदमा साहू,नेहा काज़ी साहिबा लखनऊ,हेमलता गोलछा असम,अंशु पाल’अमृता’, दिल्ली,भारती रंजन कुमारी, दरभंगा,कीर्ति जायसवाल, प्रयागराज,प्रिया सिंह, लखनऊ,स्तुति झा, पटना,निक्की शर्मा’रश्मि’, मुंबई,ऐडवोकेट अनुजा मिश्रा, लखनऊ,डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित ,भवानीमंडी,प्रकाश जी (दिल्ली),अनामिका रोहिल्ला (दिल्ली),भावना शर्मा (दिल्ली),कृष्ण कुमार क्रांति सहरसा बिहार,रामबाबू शर्मा राजस्थानी,दौसा(राज.),विजय पंडा घरघोड़ा,अजय यादव,सीमांचल त्रिपाठी(सूरजपुर, छ0ग0),ओ पी मेरोठा हाड़ौती कवि, बारां राजस्थान,खेमराज साहू “राजन” दुर्ग छत्तीसगढ़ ,अनिता तिवारी सरगुजा.छत्तीसगढ़,गायत्री नीरज चौबे, जबलपुर मध्यप्रदेश,कीर्ति जायसवाल, प्रयागराज,दीपक अनंत राव अंशुमान,केरला,रुपेश कुमार,सीवान,बिहार के कवियों ने भाग लेकर अपनी-अपनी रचनाओं से मंच को खुबसूरत ढंग से चार-चांद लग गया!

matruadmin

Next Post

विनाश का संकेत

Wed May 20 , 2020
न किस्सों में न कश्तियों में, जिंगदीकी खूबसूरती है रिश्तों में। किसे पता था कि ऐसा भी वक्त आएगा, जब इंसान इंसान से दूरियां बनाएगा। खुद को भगवान समझ बैठा था, और मौत के फैसले खुद लिखता था। कुदरत का कहर तो देखो, मौतके डरसे खुद छुपा बैठा है घर […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।