मध्यमवर्गीय और मजदूर संकट में है, सरकार से भय फैल रहा है- यशवंत सिन्हा

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इन्दौर ।

कोरोना संक्रमण काल में शहर की संस्था रूपांकन द्वारा सोमवार को भाजपा के पूर्व नेता व पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा के साथ ज़ूम मीटिंग आयोजित की जिसका लक्ष्य ‘कोविड19 के बाद भारत की अर्थव्यवस्था’ पर चर्चा रहा।श्री सिन्हा आज दिल्ली के राजघाट पर मजदूरों के समर्थन में धरना दें रहे थे उसी स्थान से ऑनलाइन जुड़ें। इसी दौरान सिन्हा ने आगामी दिनों में एमएसएमई के ख़तरे पर बात की, बैंक करप्सी कानून के संदर्भ में बताया एवं प्रवासी मजदूरों के बारे में चिंता रखते हुए कहा कि सन 1979 में प्रवासी मजदूरों का पता-ठिकाना आदि जानकारी रखने संबंधित कानून बना हुआ है किंतु सरकारों के पास उसका पालन न होने से आज जानकारियाँ ही नहीं है, प्रधानमंत्री 8 करोड़ मजदूरों की बात करते है जबकि देश में 15 करोड़ से अधिक मज़दूर पलायन कर चुके है, उनके खाने आदि का बंदोबस्त होना चाहिए। वे मजदूर जिन शहरों से भी आएं है उन-उन शहरों के प्रति भी अच्छा अनुभव नहीं लाएं है। वे शायद ही वापस उन शहरों में लौटेंगे। स्टेट प्रेस क्लब व मातृभाषा उन्नयन संस्थान के डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ ने श्री सिन्हा से सवाल पूछा कि ‘मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए न शासकीय मदद है न आय का स्थायी स्त्रोत, ऐसे में कैसे मध्यमवर्गीय परिवार जीवन यापन करेंगे? तो इस प्रश्न के जवाब में यशवंत सिन्हा ने कहा कि ‘मध्यमवर्गीय इस समय ज्यादा ग़ुरबत में है, उनकी बड़ी बुरी हालत है। सरकार को उनके लिए ‘इनकम सपोर्ट स्ट्रीम’ चलाना चाहिए जिससे उन्हें मदद मिल सकें। साथ ही ऑनलाइन मीटिंग की संयोजिका डॉ मनीषा गौर ने जब श्री सिन्हा से मार्गदर्शन मांगा तो उन्होंने मजदूरों के लिए देशभर में एक आंदोलन खड़ा करने का कहा, यह भी कहा कि पूरे देश में इस सरकार से भय फैल रहा है जबकि सरकार का काम जनता के बीच से भय मिटाना हैं।श्री सिन्हा ने बताया कि पीएम केयर फंड के ट्रस्ट में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री आदि सभी सरकारी लोग है, इससे सरकार मजबूती से ख़र्च करेगी। जबकि देश को 20 लाख करोड़ के दिए आर्थिक पैकेज को श्री सिन्हा ने आधे से ज्यादा ऋण आधारित लाभ वाला पैकेज बताया। लगभग एक घंटा ऑनलाइन रहकर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने अर्थव्यवस्था से जुड़े सवालों के जवाब दिए।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।