जब चीन द्वारा दी गई कोरोना रूपी विश्व चुनौती का सामना सबसे अधिक अमेरिका को करना पड़ रहा है, तो अमेरिका चीन को दण्ड दिये बिना शांत कैसे हो सकता है? जबकि यह दोनों सशक्त देश बड़े व्यापारी हैं और घाटा खाना किसी को भी प्रिय नहीं है।
उल्लेखनीय यह भी है कि उपरोक्त दोनों राष्ट्र शक्तिशाली एवं अविश्वसनीय हैं। दोनों ही शक्तियां वीटो पावर से लैस हैं। दोनों की नाक ऊंची है। जबकि चीन ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अपना प्रभुत्व उसके द्वारा कोरोना पर चीन के पक्ष में बयान दिलवा कर प्रमाणित कर दिया है। जिसके कारण अमेरिका तो क्या दूसरे वीटो पावर देश फ्रांस, रूस, यूके सहित विश्व के अन्य देश भी चीन पर नाराज़ एवं संयुक्त राष्ट्र संघ से निराशा हैं। क्योंकि समय रहते जानकारी न मिलने के कारण उचित उपचार संभव नहीं हुआ। जिसके फलस्वरूप प्रत्येक राष्ट्र अपने नागरिकों के अनमोल जीवन को बचाने में सफल नहीं हो सका। जिसके लिए समस्त देश अत्यंत दुखी हैं।
सर्वविदित यह भी है कि चीन के कोरोना महामारी के कारण वैश्विक आर्थिक तंगी आ गई है। जिससे कोई भी व्यक्ति अथवा देश अछूता नहीं है। जिसका मूल जन्मदाता चीन है। इसलिए अमेरिका-चीन का तनाव कम नहीं हो सकता। भय यह भी है कि उपरोक्त तनाव कहीं तृतीय विश्व युद्ध का रूप धारण न कर ले।
कोरोना ने अनधिकार अधिकार कर लिया हमारी साँसों पर मिलना जुलना, हाथ मिलाना गले लगना और लगाना प्यार से अथवा तिरस्कार से रोक दिया रोक दिया घर से बाहर निकलना बाजार में लार टपकाना फिसलना, निरर्थक घूमना अखाद्य और खाद्य को खाना घर न आने के सौ सो बहाने बनाना […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।