मां कोटि कोटि तुझे प्रणाम

0 0
Read Time1 Minute, 46 Second

मां कोटि कोटि तुझे प्रणाम,
करते तुझे हम सुबह शाम।

मां सर पर रहे तेरा सदा साथ,
कभी न छूटे तेरा हमसे साथ।
तुम दुनिया की रखवाली हो,
बिगड़े काम बनाने वाली हो।
करे याद तुझे हम सुबह शाम।
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।

मन में न आये कोई बुरा विचार,
करे हम सदा सबका उपकार।
ऐसी शक्ति मां हमको दीजिए,
दुरगनो को दूर हमसे कीजिए।
ऐसे विचार मन में करे विश्राम,
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।

मां सबके आओ तुम द्वार,
उनको सम्पत्ति दे तूमअपार।
उनके कष्टों को तुम हरना
उनकी सब मदद तुम करना।
यह विनती करते सुबह शाम,
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।

मां तेरे कोटि कोटि है रूप,
कहीं छाया है कहीं है धूप।
करती हों सिंह की सवारी,
कभी बन जाती खप्पर धारी।
कैसे करू तेरा रूप का बखान,
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।

मां तेरे से एक अब अरदास,
इस कोरोना का करो विनाश।
सब सुख की बंशी बजावे,
बस तेरा ही नित्य गुण गावे।
यह मेरे नहीं सबके है अरमान,
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।

मां तेरे ही नौ नए हैअवतार
हर कन्या में दिखते ये अवतार
इसलिए करते कन्या की पूजा
करते नहीं कोई काम हम दूजा
करते है सब तेरा ही हम ध्यान।
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

Next Post

नारी सम्मान

Sun Oct 18 , 2020
आज तो हर संचार मीडिया पर मां ही तो छाई है, तो फिर वो वृद्ध आश्रम में किसकी मां आई है, आज नारी का शोषण करने वाले ही मां को मानने वाले है नारी को वासना की निगाहों से ताड़ने वाले वो औरत भी तो किसी की बहिन या माई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।