वतन से प्यार

0 0
Read Time2 Minute, 17 Second

निभा गये मोहब्बत हम
वतन से कुछ इस तरह।
छुड़ा दिये छक्के हमने
दुश्मनों के जंग में।
पड़ गया भारी उसे
कायराना हमला ये।
जब जवाब से पहले ही
टेक दिए घुटने उसने।
आओ मिलकर हम सब
खाये एक कसम।
झुकने देंगे नही
अपने तिरंगे को हम।।

छोड़ कर सारी हदें
हम पार कर जाते है।
जब आती है वतन की
रक्षा की बात।
तब लगा देते है
जिंदगी अपनी दाव पर।
पर गुसने देते नही
दुश्मनों को हम।
आओ मिलकर ले
एक शपथ हम सब।
आंच आने नही देंगे
अपने वतन पर हम।।

जान जाये तो जाये
इसका कोई गम नही।
पीछे हटेंगे नहीं
अपने फर्ज से हम।
आएगी मरने मारने की
बात जब भी समाने।
खोलकर सीना अपना
हम डट जाएंगे।
पर वतन पर कोई
आंच आने न देंगे।
और इस तिरंगे को
झुकने देंगे नही।।

देश के वीर सैनानियों को मेरी रचना समर्पित है।
जय हिंद, जय भारत

#संजय जैन

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।

matruadmin

Next Post

तारणहार

Tue May 12 , 2020
मन अगर बेचैन हो काम मे लगे न ध्यान ध्यान हटाकर काम से प्रभु का ले लो नाम जब कुछ भी वश मे नही करते सब भगवान फिर चिंता काहे की काहे का अभिमान द्रष्टा बनकर देखो बस ईश्वरीय लीला जानकर एक पात्र आप भी हो इतना ही बस मानकर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।