कोरोना महामारी से जूझ रहा संसार

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आज कोरोना नामक महामारी से सारी दुनिया जूझ रही है | सम्पूर्ण विश्व इसकी चपेट में आ चुका है | दुनियाभर में लाखों लोग इस कोरोना वायरस ( कोविड-19) से जान गंवा चुके हैं | अधिकांश देश इस महामारी की भीषण मार झेल रहे हैं | जिनमें एक भारत भी है | माना जा रहा है कि दिसम्बर 2019 में मध्य चीन के वुहान नामक शहर से इसकी शुरूआत हुई | वुहान शहर सीफूड़ के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है | चिकित्सकों, वैज्ञानिकों का कोरोना वायरस को लेकर अभी तक मतभेद बना हुआ है | इस वायरस को लेकर अब तक तमाम विवाद उभरकर सामने आये हैं |

भारत में तो इसको लेकर अंधविश्वासों ने रिकार्ड ही तोड़ दिये | जिस समय भारत का पडोसी देश चीन कोरोना महामारी से जूझ रहा था | उस समय भारत सरकार ने इसपर कोई खास ध्यान नहीं दिया | केन्द्र की भाजपा सरकार मध्य प्रदेश में सरकार गिराकर सरकार बनाने के लिए उठा पटक वाले दाव पेचों में व्यस्त थी | इसके साथ ही भारत के प्रधानमंत्री जी अमेरिकी मेहमान के स्वागत में लगे हुए थे | जब कोरोना वायरस की मार से दुनियाभर के शक्तिशाली देश जैसे इटली, अमेरिका त्राहिमाम- त्राहिमाम करने लगे तब जाकर भारत सरकार की नींद खुली | आनन-फानन में जनता कर्फ्यू लगा दिया गया और उसके तुरन्त वाद लॉक डाउन | विदेशों में फसे छात्र, उद्योगपति, यात्री, नौकरीपेशा लोगों को वापिस लाने में सरकार ने प्राथमिकता दी, लेकिन उन्हें आजाद छोड़दिया गया, जिससे कोरोना वायरस फैलने की संभावना बड़ गई |

अचानक से लगे लॉक डाउन ने पूरे देश में आहाकार मचा दिया | लाखों – करोडों मजदूर एकदम से बेरोजगार हो गए | कल कारखाने बंद होने से लोग सड़कों पर आ गये | यातायात के सभी साधन बंद होने से लोग हजारों कि. मी. की यात्रा पैदल ही करने लगे | इस बीच भारत सरकार व राज्य सरकारों ने गरीब – मजदूरों के रहने खाने का एलान कर दिया | परन्तु ये बातें अन्य सरकारी योजनाओं की तरह जमीनीस्तर पर आते – आते छू मंतर हो गई |

इस बीच देशभर में कोरोना के मरीज निकलने लगे | पुलिस प्रशासन ने मोर्चा पहले से ही संभाला हुआ था | पुलिस की कुछ छवियां सकारात्मक आई तो वहीं इस बीच देशभर से इंटरनेट पर ऐसे सैकड़ों – हजारों वीडियो सामने आये जिनमें पुलिस भारतीय नागरिकों को बड़ी बर्बरता से मारती-पीटती नजर आई | वहीं कुछ स्थानों से पुलिस और नागरिकों की भिड़ंत के वीडियो भी इंटरनेट पर खूब वायरल हुए |

माननीय प्रधानमंत्री जी ने कोरोना योद्धाओं के सम्मान में तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जैसे – ताली, थाली बजवाई, दीप, मोमबत्ती, टार्च जलाने को बोला, आसमान से हैलीकॉप्टर द्वारा फूल बरसवाये | इन कार्यक्रमों को देशभर में खूब सराहा गया |

प्रधानमंत्री जी द्वारा देश के नागरिकों से आत्मीय अपील की गई कि उनके खाते में दिल खोलकर नागरिक दान करें | हजारों करोड़ का दान देखते-देखते एकत्रित हो गया | जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था, इस बीच एक खबर वायरल हुई कि सरकार ने तमाम भारतीय भगोड़ों का पैसा बट्टे खाते में डाल दिया गया है | ये खबर सरकार की नियत पर शक पैदा करने वाली थी | इसी बीच देश में न नक्सलवाद रुका, न आतंकवाद | आये दिन देशभर में तरह-तरह की हृदय झकझोर देने वाली खबरें सामने आती रहीं |

कोरोना वायरस से बचाव के लिए जो नियम बनाये गये थे, उन्हें सरकार ने शराब की दुकानों को खोलकर तुड़वा दिया | कुछ स्थानों पर हालात बहुत ही चिन्ताजनक बनते चले गए | एक तरफ सरकार देश के नागरिकों से अपील कर रही थी कि कृपया घरों में ही रहें तो दूसरी तरफ जनविरोधी नीतियों को लागू करके देश में और संकट बड़ाती रही |

कुलमिलाकर देश इस समय गंभीर संकट से गुजर रहा है | और पक्ष – विपक्ष अपनी घटिया राजनीति से बाज ही नहीं आ रहा | कोरोना वायरस कुछ स्थानों पर कम हुआ है तो कहीं बाम्ब की तरह फूट रहा है | साथियों आपसे विनम्र आग्रह है कि कृपया अपने घरों में रहें, सुरक्षित रहें और शासन – प्रशासन का सहयोग करें |

#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।