कोरोना से लड़ना है

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कोरोना रुला रहा है,
हम सब को।
सभंल जाओ लोगो अब तो,
छोड़ो मिल मिलाप को।
दूरियां बनाओ तुम सबसे,
तभी सुरक्षित रह पाओगे।।

नियम साधना का करो,
पालन अब तुम सब।
तो बच जाओगे,
इस कोरोना से तुम।
अमल कर लो बाते,
सभी अपने दिल से।
निश्चित जीत जाओगे,
इस कोरोना से तुम।।

याद करो पुराने इतिहास को।
फैला था पिलेग अपने देश में।
कैसे मिलकर जीते थे,
उस बीमारी से तब ?
अब फिर से आ गया,
हिन्दुस्तान में वो ही वक्त।
मिलकर अब फिर लड़ना है,
इससे कोरोना से अब।।

क्यो अपने को असहाय,
समझ रहे हो तुम सब।
जिसने दुनियाँ बनाई है,
वो ही तुम्हे संभालेगा ।
और आये कुछ भी बीमारी,
उससे तुम्हें बचायेगा।
रखो भरोसा उस मालिक पर,
जिसने तुम्हें बनाया है।।

यदि आयु है अगर तुम्हारी,
तो कोई मार सकता नहीं।
और यदि पूरी हो गई आयु तो,
तुम्हे कोई बचा सकता नही।
इसलिए रखो भरोसा तुम,
अपने उस ईश्वर पर।
जिसकी कृपा से तुम,
यहां तक जीते आये हो।।
और आगे भी अपनी,
आयु तक तुम जी जाओगे ।।

#संजय जैन

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

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