चाय-पान

0 0
Read Time1 Minute, 44 Second

मातु शारदे दीजिए, यही एक वरदान
दोहों पर मेरे करे, जग सारा अभिमान

मातु शारदे को सुमिर, दोहे रचूँ अनंत
जीवन मे साहित्य का.छाया रहे बसंत

सरस्वती से हो गया ,तब से रिश्ता खास
बुरे वक्त में जब घिरा,लक्ष्मी रही न पास

आई है ऋतु प्रेम की,आया है ऋतुराज
बन बैठी है नायिका ,सजधज कुदरत आज

जिसको देखो कर रहा, हरियाली का अंत
आँखें अपनी मूँद कर,रोये आज बसंत

पुरवाई सँग झूमती,शाखें कर शृंगार
लेती है अँगडाइयाँ ,ज्यों अलबेली नार

सर्दी-गर्मी मिल गए , बदल गया परिवेश
शीतल मंद सुगंध से, महके सभी ‘रमेश’

ज्यों पतझड़ के बाद ही,आता सदा बसंत
त्यों कष्टों के बाद ही,खुशियां मिलें अनंत

हुआ नहाना ओस में ,तेरा जब जब रात
कोहरे में लिपटी मिली,तब तब सर्द प्रभात

कन्याओं का भ्रूण में,कर देते हैं अंत
उस घर में आता नही, जल्दी कभी बसंत

बने शहर के शहर जब, कर जंगल काअंत
खिड़की में आये नजर, हमको आज बसंत

खिलने से पहले जहाँ , किया कली का अंत
वहां कली हर पेड़ की, रोये देख बसंत

फसलें दुल्हन बन गई,मन पुलकित उल्लास
आशा की लेकर किरण,आया है मधुमास

पिया गये परदेश है,आया है मधुमास
दिल की दिल मे रह गये,मेरे सब अहसास

#रमेश शर्मा , मुम्बई

matruadmin

Next Post

वरिष्ठ पत्रकार देवेन्द्र सोनी को मिला " पत्रकारिता प्रदीप" सम्मान

Sat Feb 1 , 2020
होशंगाबाद । नर्मदा जयंती के पावन पर्व पर रजत जयंती समारोह मना रही जिले की प्रमुख साहित्यिक संस्था शिव संकल्प साहित्य परिषद ने वरिष्ठ साहित्यकार एवं सम्पादक देवेन्द्र सोनी को “पत्रकारिता प्रदीप” सम्मान से सम्मानित किया । अलावा इनके समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे साहित्यकार पत्रकार एवं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।