विश्व पुस्तक मेले में मातृभाषा उन्नयन संस्थान को मिला विश्व कीर्तिमान

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इंदौर ।

हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे मातृभाषा उन्नयन संस्थान को दिल्ली में चल रहे विश्व पुस्तक मेला 2020 में शनिवार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन द्वारा 11 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाने के लिए विश्व कीर्तिमान दिया।
इस आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार डॉ.वेद प्रताप वैदिक, वरिष्ठ कवि डॉ. कुँवर बैचैन, हिन्दी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र शर्मा, वरिष्ठ कवि एवं बाल साहित्यकार डॉ. दिविक रमेश, पतंजलि योगप्रचारक प्रकल्प के प्रमुख स्वामी विदेह देव जी, साउथ एशियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर जनरल व वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स के अध्यक्ष संतोष शुक्ला, वरिष्ठ कवि प्रो. राजीव शर्मा के आतिथ्य में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अर्पण जैन ‘अविचल एवं दल ने यह विश्व कीर्तिमान ग्रहण करा। इसी अवसर पर संस्मय प्रकाशन से डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ का काव्य संग्रह ‘वारांगना – व्यथांजलि’ का विमोचन भी हुआ। संस्थान की इस उपलब्धि को लेकर मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी, राष्ट्रीय महासचिव कमलेश कमल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी, मुकेश मोलवा, अंजलि वैद सहित दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रिंकल शर्मा, जलज व्यास, राजस्थान से जैन कवि संगम के अध्यक्ष नरेंद्रपाल जैन आदि ने हर्ष व्यक्त किया।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।