कौन मरा है

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कोई कहता है मरा हिन्दू कोई कहता मुसलमान मरा है
अरे कोई ये क्यूं नहीं कहता आज फिर इक इन्सान मरा है

कोई कहता ब्राह्मण मरा है मरा है कोई कहता ठाकुर
न ब्राह्मण न ठाकुर मरे हुए गांधी का हिन्दुस्तान मरा है

न अम्बेडकर का शूद्र सिद्धांत न मनु की मनुस्मृति मरा यहां
मरा तो शायद स्वामी विवेकानन्द जी का अभियान मरा है

हिन्दू-मुस्लिम के चक्कर में वेदों की मूल प्रति हम गवां बैठे
पांच पति मान बैठे हम द्रोपदी का स्वाभिमान मरा है

लोकतंत्र है जाओ वोट डाल राजनीति को भूल जाओ
नीति नेताओं के चक्कर में  भारत का सम्मान मरा है 

लड़ते कटते लुटते रहे सदियों से इबादते फर्क खातिर
मरे तो हमीं अब तक कब अल्लाह गॉड भगवान् मरा है

लड़ते लुटते बिखर जाएंगे फिर एक दिन ऐसे तीरथ
भाई के मरने पर भाई सोचेगा यह तो  शैतान मरा है

#आशुतोष मिश्र तीरथ
         गोण्डा

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।