माँ का दिल

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arun jain
माँ का दिल न जाने
किस फौलाद का
बना होता है,
औलाद की हर
तपन सहता है।

माँ का दिल
न जाने किस
मिट्टी का बना होता है,
रोज आँसूओं की असीम
बारिश सहता है
फिर भी नहीं गलता है।

माँ का दिल
घर की विपत्ति में
चट्टान-सा अड़ा होता है,
गौर से देखना
बाप की ईंटों पर
गारे-सा जुड़ा होता है।

माँ का दिल
फूलों की बगिया
प्यार की नदिया होता है,
हर बात पर
पसीजकर  सामने
कभी नहीं बहता है।

माँ का दिल
घर में सबके
करीब होता है,
घर में सबसे गरीब
होकर,दुनिया में
सबसे अमीर होता है।

माँ का दिल
दुनिया में
सबको अजीज होता है
सच में,अजीब होता है।।

                                                                        #अरुण कुमार जैन

परिचय: सरकारी अधिकारी भी अच्छे रचनाकार होते हैं,यह बात
अरुण कुमार जैन के लिए सही है।इंदौर में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में लम्बे समय से कार्यरत श्री जैन कई कवि सम्मेलन में काव्य पाठ कर चुके हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त सहायक आयुक्त श्री जैन का निवास इंदौर में ही है।

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