बुद्ध

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मुझे स्वयं को समझना होगा
स्वयं से युद्ध करना होगा
कितनी है बुराइयां मुझमे
उन सबको दूर करना होगा
शांति और सत्य की चाहत में
सिद्धार्थ से बुद्ध बनना होगा
बुद्ध बनने के लिए खुद को
पहले शुद्ध करना होगा
शुद्धता क्या है समझना होगा
काम,क्रोध,मोह,लोभ,अहंकार से
खुद को मुक्त करना होगा
स्वयं बुद्ध समान बनना होगा।
#श्रीगोपाल नारसन

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अनकहे ख़्वाब

Wed May 26 , 2021
नींद आँखों में इस क़दर, ले आती ख़वाब बे हिसाब । कभी नदियाँ, कभी झरने, कभी देखूँ सुंदर बाग, फूल तितली चमन हवाएँ, रहते ख्वाबों में मेरे साथ । और जब अपने होते साथ, दर्द की कोई न होती बात। कुछ हमेशा याद रहते, कुछ भूल जाते ख़्वाब । मेरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।