चरैवेति-चरैवेति का मंत्र देकर चल दिए गौड़ साहब

0 0
Read Time2 Minute, 42 Second

इंदौर या यूँ कहें मध्यप्रदेश की पत्रकारिता जमीन का एक अहम सितारा आज सदा के लिए अपनी चिर यात्रा पर निकल गया।
हँसमुख स्वभावी, सदा सकारात्मक रहने वाले, प्रेरित करने के भाव के साथ जीवन यापन करने वाले सहज एवं सरल व्यक्तित्व आदरणीय जयकृष्ण गौड़ साहब का जाना पत्रकारिता जीवन में एक निर्वात-सा बना गया।
इंदौर प्रेस क्लब की रीढ़ रहें गौड़ साहब सदा ही हौसला देते थे। मेरे कार्यकाल में ही इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्षों का एक मार्गदर्शन मण्डल बनाया था, उसी बैठक आदि में या जब भी एक नेक सलाह की आवश्यकता होती थी तो गौड़ साहब एवं जलधारी जी सदैव हौसला देते थे। दुर्भाग्यवश कुछ समय पहले हमने हमारे अग्र साथी या कहे मार्गदर्शक शशीन्द्र जलधारी जी को खोया, अभी उस दुःखद घड़ी से बाहर निकल ही नहीं पाए कि आज गौड़ साहब के न रहने के समाचार ने स्तब्ध कर दिया।
जब भाजपा के शासन में गौड़ साहब को चरैवेति का संपादक बनाया तब वे भोपाल चले गए।भोपाल से भी वह यही कहते थे कि चिन्ता मत करना,भोपाल में भी कोई कार्य हो तो बताना।
इन दोनों ही विभूतियों का इंदौर प्रेस क्लब व मुझे तो मार्गदर्शन मिलता ही रहा ,आगे भी उनकी सूक्ष्म उपस्थिति ही हिम्मत प्रदान भी करेगी।
गौड़ साहब अपनी अंतिम पुस्तक ‘काल के कपाल से’ को पूरा करके अपनी अंतिम यात्रा की ओर कूच कर गए। यह पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है। मेरे मार्गदर्शक आदरणीय गौड़ साहब को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि, ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें और हमें उनके आदर्शों पर चलने का हौसला भी दें।

नमन सहित

प्रवीण कुमार खारीवाल

इंदौर, मध्यप्रदेश

परिचय:
इंदौर की पत्रकारिता में लगभग 3 दशकों से सतत पत्रकारिता में सक्रिय।

पूर्व अध्यक्ष- इंदौर प्रेस क्लब

अध्यक्ष- स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

खुशियों के लघु दीप ….

Tue Oct 15 , 2019
आओ मिलकर दीप सजाएँ जगमग जगमग ज्योति जलाएँ दानवता को दूर भगाकर मानवता की कली खिलाकर वर्षों बाद पुरुषोत्तम आए आओ मिलकर दीप सजाएँ जगमग जगमग ज्योति जलाएँ एक दूजे को गले लगाकर भाईचारा का भाव जगाकर ख़ुशी -ख़ुशी से नाचे गाएँ आओ मिलकर दीप सजाएँ जगमग जगमग ज्योति जलाएँ […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।