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उसने जो अपराध किया है यह उसको अहसास नहीं ।
अपना धन बर्वाद किया है यह उसको अहसास नहीं ।
पीसा हमको कोसा उनको बड़ी बड़ी बातें करके ,
उनको ही आबाद किया है यह उसको अहसास नहीं ।
मंदिर का धन लूट लूट कर लुटा रहा है गैरों पर ,
ये कैसा उन्माद किया है यह उसको अहसास नहीं ।
रौनक बढ़ी मंच पर जैसे सबको ही सम्मान दिया ,
हमसे ना संवाद किया है यह उसको अहसास नहीं ।
मौसम जैसे करवट लेता ऐसे रंग बदलता है ,
रिश्तों को अवसाद किया है यह उसको अहसास नहीं ।
साथ निभाया हमने उसका निर्वाचन के दंगल में,
हमको ही ना याद किया है यह उसको अहसास नहीं ।
एक तरफ दुनियाँ सारी थी एक तरफ “हलधर “सेना ,
राम लला नौशाद किया है यह उसको अहसास नहीं ।
जसवीर सिंह हलधर
जन्म स्थान – गहना जिला बुलंद शहर उत्तर प्रदेश
वर्तमान निवास – देहरादून उत्तराखंड
शिक्षा -बी ,एस, सी,कृषि,(ऑनर्स)एम,ए,(समाज शास्त्र)
संप्रति-भारतीय जीवन बीमा निगम में कार्यरत
प्रकाशित पुस्तकें -1-शंख नाद(काव्य संग्रह) 2-अंतर्नाद(काव्य संग्रह) 3-काव्य गंगा(सांझा संकलन)
सम्मान व प्राप्तियां —
1-राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा2-हिंदी समिति द्वारा 3-ओ एन जी सी द्वारा 4 -एल आई सी द्वारा 5-शिखर सम्मान -पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी मेघालय द्वारा 5-राष्ट्रीय गौरव सम्मान -सद्भावना ट्रस्ट व राष्ट्र एकता परिषद द्वारा 6-पटेल सम्मान -पटेल नेशनल कालेज पटियाला द्वारा 7 -विभिन्न पत्र पत्रकाओं में कविताओं का प्रकाशन ,टी, वी ,चैनलों पर कविता पाठ ,मंचों पर कविता पाठ
8.-काया कल्प साहित्य कला फाउंडेशन द्वारा साहित्य श्री सम्मान
9-के बी एस प्रकाशन दिल्ली द्वारा साहित्य गौरव सम्मान
10- स्वदेशी जागरण मंच द्वारा सम्मान
11- दून विश्वविद्यालय द्वारा सम्मान
12 -सिद्धार्थ लॉ कॉलेज द्वारा सम्मान
मेरा मत – कविता जन्म जात गुण है इसको मेहनत से परिष्कृत तो किया जा सकता है पैदा नही किया जा सकता है हिंदी की शिक्षा प्राप्त कर हम लोचक समालोचक तो बन सकते है लेकिन जन कवि वही बनता जिस पर वीणा पाणी की असीम कृपा होती है ।
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