कलमकार पागल हैं…..

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indu bhushan
सृष्टि के समस्त कलमकार पागल हैं।
यशकर्ता विघनहर्त निराकार पागल हैं।।
प्राकृतिक पागल हैं जो करते हैं यहां।
किसी पर मानवता परोपकार पागल हैं।।
वर्तमान से भविष्य तक संघर्ष उपरांत।
स्वप्न अपने जो करें साकार पागल हैं।।
भ्रष्ट न्यायधीश तभी करते नहीं न्याय।
वह जांचते याचि का आकार पागल हैं।।
पक्ष विपक्ष की भाषा तो राजनीतिक है।
जो निष्पक्ष करें सेवा सत्कार पागल हैं।।
गीता ग्रंथों में तो सत्य ही विजयी हुआ।
क्या ग्रंथ झूठे या रचनाकार पागल हैं।।
#इन्दु भूषण बाली 
परिचय-
पत्रकार, समाजसेवक, एसएसबी विभाग का पीड़ित पूर्व कर्मचारी, लेखक हिंदी डोगरी व अंग्रेजी एवं भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी घर नंबर एक वार्ड नंबर तीन डाकघर व तहसील ज्यौड़ियां जिला जम्मू जम्मू कश्मीर

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