आँखें ये भर गई

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ajay ahsas
उत्थान देख गांव की आँखें ये भर गई।
हालात देख गांव की आँखें ये भर गई।
नाली, खड़ंजे छोड़ो सब वो टूटे फूटे हैं
दालान देख मुखिया की आँखें ये भर गई।
महिला को चुना मुखिया था इस भोली जनता ने
देखा पति -परधान तो आँखें ये भर गई।
भीतर वो अपने बंगले में रक्खा है भला क्या
मुखिया की लॉन देखकर आँखें ये भर गई।
देखा है कागजों पे सबको मिल गया आवास
सुखिया की देख झोपड़ी आँखें ये भर गई।
खाना था मिठाई लेकिन लैट्रिन में मजा था
दीवार गिरी देखकर आँखें ये भर गई।
परधानी से पहले जहां रहती थी साइकिल
अब कार खड़ी देखकर आँखें ये भर गई।
सीखें वो ऐसी नीति लड़ाने लगे है अब
अब गांव बंटता देखकर आँखें ये भर गई।
खाते कभी तमाकू तो पी लेते थे बीड़ी
खुलती वो देख बोतलें आँखें ये भर गई।
है गगनचुम्बी बंगला जो परधान जी का है
छप्पर वो देख सुखिया की आँखें ये भर गई।
विधवा, वृद्धा पेन्शन के नाम पर लिए पैसे
खाते वो खाली देखकर आँखें ये भर गई।
कल तक जो थे छूते चरण और करते नमस्ते
ऐंठन अब उनकी देखकर आँखें ये भर गई।
इतिहास दुहराता है खुद को याद रखना तुम
‘एहसास’ जो किया तो फिर आँखें ये भर गई।

#अजय एहसास

परिचय : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सुलेमपुर परसावां (जिला आम्बेडकर नगर) में अजय एहसास रहते हैं। आपका कार्यस्थल आम्बेडकर नगर ही है। निजी विद्यालय में शिक्षण कार्य के साथ हिन्दी भाषा के विकास एवं हिन्दी साहित्य के प्रति आप समर्पित हैं।

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।