पहचानो हम कौन है

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dhanraj vaani
प्रकृति,पर्यावरण,परिवेश
तीन शब्दों का आलिगंन हो
तीनो है एक…………….
बस इसे समझने का मन हो
प्रकृति में सारी…….
धरती,आकाश,वायु समाई है
पर्यावरण ने ……….
हाँ,इनकी सुंदरता बढ़ाई है
परिवेश से………..
संस्कृति का पता होता है
इन तीनो के संगम से
दुनिया मे अमृत बरसता है
प्रकृति के बनें  मित्र
पर्यावरण की सुरक्षा हो
परिवेश से सीखे सब
संस्कृति की पूजा हो
अलग नहीं है यह तीनों
एक वृक्ष की डाली है
एक तना,एक रंग
एक इनका माली है
समझो,पहचानो,देखो
 हम क्यों मौन है
तीनो के हम भी अंग
पहचानों हम कौन है
#धनराज वाणी
परिचय– 
श्री धनराज वाणी  ‘उच्च श्रेणी शिक्षक’ हाई स्कूल उबलड विकास खण्ड जोबट जिला अलिराजपुर में 30 वर्षो का सेवाकाल (मूल निवास जोबट)
जन्म स्थान जोबट(मध्यप्रदेश)
पत्नि का नाम -कविता वाणी (प्राचार्य )इनकी भी साहित्य में रुचि व महिला शसक्तीकरण के क्षेत्र में कार्य व आकाशवाणी मे काव्य पाठ किया
2.शिक्षा-एम.ए.बी.एड.(समाजशास्त्र)
3.रुचि-साहित्य व रचनाकार 
विषय-वीरस,चिंतन,देशभक्ति के गीत व कविताओं की रचना
4.उपलब्धियां-आकाशवाणी इंदौर से 7 बार काव्य पाठ किया व स्थानीय,जिलास्तरीय व अखिल भारतीय मंचो से भी  काव्यपाठ किया!
वर्तमान में अर्पण कला मंच जोबट मे साहित्य प्रकोष्ठ का प्रभार है.
5.बचपन से साहित्य के प्रति  रुचि व हिन्दी के प्रति प्रेम

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