सांध्य दैनिक सांजवार्ता, औरंगाबाद संस्करण में मातृभाषा.कॉम के बारे में मराठी भाषा में प्रकाशित समाचार …

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*हिंदी साहित्याचे वैचारिक महाकुंभ बनले मातृभाषा डाँट काँम*
वैजापुर( डॉ. हरिश साबने)-हिंदी भाषा ही आपली राष्ट्रभाषा आहे, हिंदी भाषेच्या प्रचार प्रसारासाठी शासन वेगवेगळ्या प्रकारे प्रयत्न करत आहे सरकार बरोबरच विविध सेवाभावी संस्था, व्यक्ती,समुदाय यांचा देखील त्यात मोलाचा वाटा ठरत आहे त्यातच मध्यप्रदेश येथील युवा साहित्यिक व पत्रकार डॉ. अर्पण जैन ज्यांना ‘अविचल ‘या नावाने ओळखले जाते त्यांनी हिंदी भाषेच्या प्रचार प्रसारासाठी  मातृभाषा डाँट काँम नावाची वेबसाईट बनवली आहे ज्यात हिंदी साहित्याला प्रसिद्धि देणे व नवोदित साहित्यकारांना व्यासपीठ उपलब्ध करून देणे हा उद्देश आहे सध्या मातृभाषा डाँट काँम चे आठ लाखापेक्षा अधिक वाचक बनले आहे डॉ अर्पण जैन यांच्या बरोबरच जबलपूर येथील कमलेश कमल, इंदोर येथील श्रीमती शिखा जैन, प्रिंस बैरागी, मृदुल जोशी, डॉ नीना जोशी, दिल्ली येथील रिंकल शर्मा, आगरा येथील गणतंत्र ओजस्वी, जम्मू येथील यशपाल निर्मल ,कश्मीर येथील नसरीन अली निधि,वासिम काझी, महाराष्ट्र राज्याच्या औरंगाबाद जिल्ह्यातील पत्रकार प्रो.आबासाहेब कसबे, चेतन बेंडाले हे संबंधित आहेत मातृभाषा डाँट काँम मध्ये दीड हजार नवोदित साहित्यकां बरोबरच डॉ वेदप्रताप वैदिक, डॉ दिविक रमेश, फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, राजकुमार कुंभज,अहद प्रकाशजी,प्रभू जोशी, डॉ प्रकाश हिंदुस्थानी,सईद अंसारी या नामवंत साहित्यिकांचा देखील मार्गदर्शन व सहभाग आहे  ⚫⚫प्रतिक्रिया (1)डॉ. अर्पण जैन –मातृभाषा  डाँट काँम च्या माध्यमातून युवा साहित्यकारांना व्यासपीठ देण्याबरोबरच व हिंदी भाषेच्या  प्रचार प्रसाराचा उद्देश उद्देश आहे एँन्ड्राईड मोबाइल मधील गुगल प्ले स्टोर मध्ये मातृभाषा डॉट काँम उपलब्ध आहे✍

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।