हिन्द के निवासी हैं फख्र करेंगे
देश के लिए जियेंगे मर मिटेंगे।।
ये दौलत, जवानी कुर्बान करेंगे
देश के लिए हम नग़मे लिखेंगे।।
तिरंगे को शान से,हाथो में थामेंगे
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां पढ़ेंगे।।
ख़ाखे ज़माने से हम अब ये कहेंगे
दुश्मन के सितम हरगिज़ ना सहेंगे।।
हिन्द में पड़ी गलत निगाहों को चीरेंगे
देश के सैनिक हैं दुश्मन हमसे डरेंगे।।
ज़ुल्म, भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकेगे
इस वर्ष से हम सब नव प्रण लेंगे।।
अंधेरी बस्तियों में भी अब दिये जलेंगे
बेसहारो को भी अब सहारा मिलेंगे।।
अंधेरो की घटा छटेगी,संमा जलेंगे
आकिब’जिंदगी किसी की रौशन करेंगे।।
परिचय :
नाम-. मो.आकिब जावेदसाहित्यिक उपनाम-आकिबवर्तमान पता-बाँदा उत्तर प्रदेशराज्य-उत्तर प्रदेशशहर-बाँदाशिक्षा-BCA,MA,BTCकार्यक्षेत्र-शिक्षक,सामाजिक कार्यकर्ता,ब्लॉगर,कवि,लेखकविधा -कविता,श्रंगार रस,मुक्तक,ग़ज़ल,हाइकु, लघु कहानीलेखन का उद्देश्य-समाज में अपनी बात को रचनाओं के माध्यम से रखना