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स्नेह प्यार से ही हम,
जीवन को जीते हैं।
तभी तो हर हाल में,
हम खुश रहते हैं।
देखा नही कभी भी,
किसी की ऊंचाइयों की तरफ।
स्वंय की योग्यता के अनुसार,
अपना जीवन को जीते हैं।।
न ही करता हूँ किसी से,
भी कोई होड़ा होड़ी।
स्वंय को देखकर ही,
अपनी रचनायें लिखते हैं।
और मिलते है जो भी,
पाठको के कमेंट हमें,
उसमें खुश हम रहते हैं।।
सादा जीवन बड़ी ही,
मस्ती के साथ जीते हैं।
और हर दम हर हाल में,
खुशी के साथ जीवन जीते हैं।
शायद लोग इसको हमारी,
खुशी का राज समझते हैं।।
और हमारी लेखनी पर ,
अच्छी प्रतिक्रियां लोग देते हैं।।
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
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Fri May 31 , 2019
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