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माता जीवन दाता है,
माता भाग्य विधाता है ।
माता जन्म प्रदाता है ।
माता से जन्मो से नाता है ।
माता से मिलती नित सीख।
माता में दिखता है ईश।
माता से मिलती ममता है ।
माता से न कोई समता है ।
माता प्रथम गुरु है ।
माता से ही सीखना शुरू है।
माता ममता की है खान।
माँ में समाहित सारा जहाँन।
माता ईश्वर की कृति है ।
माता से ही जनता व्यक्ति है ।
माता जग में श्रेष्ठ महान।
माता से ही बनता इंसान ।
माता देवी की मूरत।
माता खुश तो न देव जरूरत।
माता भाग्य विधाता है ।
माता जन्म प्रदाता है ।
माता से जन्मो से नाता है ।
माता से मिलती नित सीख।
माता में दिखता है ईश।
माता से मिलती ममता है ।
माता से न कोई समता है ।
माता प्रथम गुरु है ।
माता से ही सीखना शुरू है।
माता ममता की है खान।
माँ में समाहित सारा जहाँन।
माता ईश्वर की कृति है ।
माता से ही जनता व्यक्ति है ।
माता जग में श्रेष्ठ महान।
माता से ही बनता इंसान ।
माता देवी की मूरत।
माता खुश तो न देव जरूरत।
#विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्रप्रतापगढ (उत्तरप्रदेश)
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