मौसी जी का वोट:नोटा की जीतया वीरू की वाट ?

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rinkal sharma

जय – राम…..राम मौसी

मौसी – अरे! जय बेटा ….राम- राम ….कहो कैसे आना हुआ ?

जय – मौसी…बस यहाँ से गुज़र रहा था सोचा आपको एक खुशखबरी देता चलूँ।

मौसी – खुशखबरी ….कैसी ख़ुशख़बरी बेटा ?

जय – मौसी अपना जो वीरू है ना, वो जल्द ही बहुत बड़ा नेता बनने वाला है।

मौसी – अच्छा! ….तो फिर इतना पूछना बनता ही है कि तुम्हारे ये वीरू जी कौन-सी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं ?और इनका चुनाव-चिन्ह क्या है ?

जय –मौसी…पार्टी तो वीरू ने अपनी खुद की ही  बनाई है – गाँव वालों पार्टी।  और चुनाव चिन्ह है – पानी की टंकी

मौसी – ओह्हो ….टंकी पे चढ़ने का इतना शौक….चुनाव चिन्ह ही पानी कीटंकी रख दिया।  खैर…लेकिन ये बताओ बेटा चुनाव लड़ने के लिए इतना पैसा आया कहाँ से ?

जय – अब पैसे की बात तो ऐसी है मौसी की रोज़- रोज़ आदमी जुआ खेलकर तो लाखों-करोड़ों कमा नहीं सकता।  इसीलिए बस छोटा- मोटा चाराघोटाला कर लिया।

मौसी – हायराम! चारा घोटाला…..मतलब घोटालेबाज़ है ?

जय – अरे! मौसी अब गायें और भैसें इतना चारा खा कर भला क्या करतीं? बस इसीलिए थोड़ा बहुत इधर -उधर कर दिया।  मौसी वीरू तो ऐसा बिलकुलभी नहीं करना चाहता था लेकिन चुनाव जीतने के लिए शराब वगैरह तो बांटनी ही पड़ती है और उसके लिए रुपयों की ज़रूरत होती है।

मौसी – हे भगवान! वोट के लिए अब शराब बाँटेगा?

जय – तो इसमें कौन-सी बुराई है मौसी ?आखिर शराबी लोग भी तो जनता का ही हिस्सा हैं। फिर मौसी जब तक नेता चुनाव में शराब न बांटे या एक दो बार जेल न जाये तब तक वो कद्दावर नेता थोड़े ही ना कहलायेगा।

मौसी – हे राम ! मतलब जेल भी जा चुका है ?

जय – अरे मौसी जेल के अंदर जाने से ही तो बड़े-बड़े गुंडों और मवालियों से जान -पहचान बढ़ती है। अब चुनाव प्रचार में जाति और धरम के नाम पर दंगे-फसाद कराने, अपने मुँह पर सियाही और मिर्ची फैंकवाने और “भारत तेरे टुकड़े होंगे” जैसे देशद्रोही नारे लगवाने के लिए इन गुंडे -मवालियों की तो ज़रूरत पढ़ती ही है।

मौसी – बस इसी एक बात कमी रह गयी थी। देशद्रोह के नारे भी लगवाता है। बेटा और कौन-कौन सेगुण हैं तुम्हारे गुणी दोस्त में कद्दावर नेता  बनने के, ज़रा वो सब भी बता दो।

जय – मौसी अब एक दो गुण हो तो बताऊँ।  वीरू तो बहुत ही नेक और देशभक्त नेता है।  बस उसके सर से एक बार वो बलात्कार का केस खारिज हो जाये ,तो आप देखना वीरू को जीतने से कोई नहीं रोक सकता।

मौसी- बाप रे! बलात्कारी भी है।

जय – छिः छिः मौसी…..वीरू और बलात्कारी…..नहीं मौसी….अब जवानी में लड़कों से एक दो भूल तो हो ही जाया करती है।  और मौसी अगर वो ऐसा नहीं करता तो मीडिया वाले उसकी खबर टी वी पर दिखा-दिखा कर उसे  फेमस कैसे करते?

मौसी – हम्म….एक बात की दाद देनी होगी बेटा। लाख बुराई हों तुम्हारे दोस्त में लेकिन तुम्हारे हिसाब से उसमें नेता बनने के सभी गुण हैं।

जय – अब मौसी….मेरा तो दिल ही कुछ ऐसा है।

मौसी – बेटा…..अब बस इतना और बता दो की चुनाव जीतने के लिए तुम्हारे गुणी दोस्त ने क्या-क्या वादे किये हैं जनता से ?

जय – मौसी वादों की तो पूरी लिस्ट है। जैसे ही वीरू नेता बन जायेगा, हर किसी के अकाउंट में १५-१५ लाख रुपये आ जायेंगे। फिर हर महीने सबके खातों में १२००० रुपये आया करेंगे। किसी को काम करने की ज़रूरत ही नहीं होगी। और तो और मौसी खेतों में ऐसी मशीनें लगेंगी की आलू डालो और सोना बाहर निकले। सबको मुफ्त पानीबिजली और मकान मिलेंगे।बस यूँ समझिये मौसी कीपूरे  देश का विकास हो जायेगा।

मौसी –  अरे! बेटा…मुझ बुढ़िया को सीखा रहे हो।  ७० सालों से हर बार चुनाव में यही तो सुनती आ रही हूँ कि विकास होगा….विकास होगा….आजतक तो हुआ नहीं।

जय – मौसी वीरू के नेता बनते ही हो जायेगा।  बस आप एक बार वीरू को वोट दे कर देखिये।

मौसी – माफ़ करना बेटा…….भले ही मुझे चुनाव में “नोटा “ का बटन दबाना पढ़े। लेकिन वोट देना मेरा अधिकार है और इसे में किसी भी शराबी, जुआरी, घोटालेबाज़ और देशद्रोही को देकर बर्बाद नहीं करुँगी। देश की सच्ची नागरिक हूँ कोई देशद्रोही थोड़े ही हूँ। 

जय – हम्म…..मौसी मेरे इतने समझाने के बाद भी आप वीरू को वोट देने के लिए तैयार नहीं हैं।  अब भगवान् जाने वीरू बेचारा क्या करेगा।  अच्छा मौसी चलता हूँ। जय हिन्द।

#रिंकल शर्मा
परिचय-
नाम – रिंकल शर्मा
(लेखिका, निर्देशक, अभिनेत्री एवं समाज सेविका)
निवास – कौशाम्बी ग़ाज़ियाबाद(उत्तरप्रदेश)
शिक्षा – दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक , एम ए (हिंदी) एवं फ्रेंच भाषा में डिप्लोमा 
अनुभव –  2003 से 2007 तक जनसंपर्क अधिकारी ( bpl & maruti)
2010 – 2013 तक स्वयं का स्कूल प्रबंधन(Kidzee )
2013 से रंगमंच की दुनिया से जुड़ी । बहुत से हिंदी नाटकों में अभिनय, लेखन एवं मंचन किया । प्रसार भारती में प्रेमचंद के नाटकों की प्रस्तुति , दूरदर्शन के नाट्योत्सव में प्रस्तुति , यूट्यूब चैनल के लिए बाल कथाओ, लघु कथाओंं एवं कविताओं का लेखन ।  साथ ही 2014 से स्वयंसेवा संस्थान के साथ समाज सेविका  के रूप में कार्यरत।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।